Sunday, June 22, 2025
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कब है फाल्गुन पूर्णिमा? जानें स्नान-दान का शुभ मुहूर्त, पूजन विधि और उपाय

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फाल्गुन पूर्णिमा, जो खासतौर पर फाल्गुन माह की पूर्णिमा तिथि को मनाई जाती है, का भी महत्वपूर्ण धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व है। इस दिन विशेष रूप से भगवान विष्णु की पूजा की जाती है, क्योंकि उनके बारे में माना जाता है कि उनकी पूजा से दरिद्रता दूर होती है और आय, सुख, समृद्धि, और सौभाग्य में वृद्धि होती है।
 पूर्णिमा तिथि का सनातन धर्म में विशेष महत्व है। यह तिथि धर्म, पूजा और उपासना के लिए बेहद पवित्र मानी जाती है। प्रत्येक पूर्णिमा का दिन विशेष रूप से भगवान विष्णु की पूजा के लिए समर्पित होता है, क्योंकि उन्हें इस दिन पूजा करने से भक्तों को अनंत पुण्य की प्राप्ति होती है।

फाल्गुन पूर्णिमा, जो खासतौर पर फाल्गुन माह की पूर्णिमा तिथि को मनाई जाती है, का भी महत्वपूर्ण धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व है। इस दिन विशेष रूप से भगवान विष्णु की पूजा की जाती है, क्योंकि उनके बारे में माना जाता है कि उनकी पूजा से दरिद्रता दूर होती है और आय, सुख, समृद्धि, और सौभाग्य में वृद्धि होती है। इसके अतिरिक्त, श्रीसत्यनारायण पूजा का आयोजन भी इस दिन विशेष रूप से किया जाता है। यह पूजा जीवन में सुख, शांति और सौभाग्य लाने के लिए एक प्रभावशाली उपाय मानी जाती है।

फाल्गुन पूर्णिमा तिथि
  • फाल्गुन पूर्णिमा तिथि आरम्भ : 13 मार्च को सुबह 10:35 बजे से
  • फाल्गुन पूर्णिमा तिथि समाप्त: 14 मार्च, दोपहर 12:23 बजे पर
  • उदयातिथि के अनुसार 14 मार्च को फागुन पूर्णिमा का व्रत दान और स्नान किया जाएगा।
    फाल्गुन पूर्णिमा पर पूजा विधि 
    • फाल्गुन पूर्णिमा के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान आदि से निवृत हों।
    • इसके बाद गंगाजल युक्त पानी से स्नान करें।
    • यदि संभव हो तो गंगा स्नान भी कर सकते हैं।
    • इसके बाद सूर्य देव को जल अर्पित करें।
    • अब पंचोपचार कर श्री सत्यनारायण जी की पूजा करें।
    • सत्यनारायण व्रत कथा का पाठ करें।
    • पूजा के समय भगवान विष्णु को पीले रंग के फल और फूल अर्पित करें।
    • पूजा का समापन भगवान विष्णु की आरती से करें।
    फाल्गुन पूर्णिमा पर पूजा और उपाय:
    भगवान विष्णु की पूजा:
     इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से दरिद्रता दूर होती है और आय, सुख और समृद्धि में वृद्धि होती है।
    श्री सत्यनारायण व्रत: इस दिन श्री सत्यनारायण पूजा करने से जीवन में सुख-शांति और सौभाग्य की प्राप्ति होती है।
    दान का महत्व: इस दिन विशेष रूप से चावल, तिल, गुड़, कपड़े और अन्य वस्त्रों का दान करना शुभ माना जाता है।
    होली पूजा: होली के दिन रंगों का पूजन भी किया जाता है और घर में सकारात्मक ऊर्जा लाने के लिए इस दिन साफ-सफाई भी की जाती है।
    चंद्र ग्रहण 2025 
    2025 में फाल्गुन पूर्णिमा के दिन चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है। ज्योतिषियों के अनुसार, यह ग्रहण 14 मार्च 2025 को होगा। हालांकि, यह चंद्र ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा, और इसके लिए सूतक भी लागू नहीं होगा। इसका मतलब है कि भारत में इस ग्रहण का प्रत्यक्ष प्रभाव नहीं होगा, और सूतक काल का पालन करने की आवश्यकता नहीं होगी।
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