एलन मस्क की प्राइवेट स्पेस कंपनी स्पेसएक्स (SpaceX) ने एक बार फिर दुनिया को चौंका दिया है। बुधवार को कंपनी ने अपने सबसे ताकतवर रॉकेट ‘स्टारशिप’ का 10वां टेस्ट लॉन्च सफलतापूर्वक पूरा किया। यह रॉकेट अमेरिका के टेक्सास में स्थित स्टारबेस (Starbase) लॉन्च साइट से अंतरिक्ष में उड़ा। खराब मौसम के कारण लॉन्च को दो बार टाला गया था लेकिन तीसरे प्रयास में इसे सफलता मिली।
क्यों खास है यह 10वीं टेस्ट फ्लाइट?
यह मिशन सिर्फ लॉन्च के लिए नहीं बल्कि रॉकेट की रियूजेबिलिटी (बार-बार इस्तेमाल करने की क्षमता) को जांचने के लिए बहुत महत्वपूर्ण था। इस बार रॉकेट ने सफलतापूर्वक ‘हॉट स्टेजिंग’ की जहां स्टारशिप बूस्टर से अलग हुआ।
➤ बूस्टर रिकवरी: पहले के टेस्ट की तरह इसे जमीन पर उतारने की कोशिश नहीं की गई। इसके बजाय, बूस्टर को नियंत्रित तरीके से मेक्सिको की खाड़ी में गिराया गया।
➤ भविष्य की तैयारी: इस टेस्ट में बूस्टर ने इंजन को कई बार फिर से शुरू करने और फ्लिप करने जैसे जटिल प्रयोग किए। ये तकनीकें भविष्य में बहुत काम आएंगी जब स्पेसएक्स लॉन्च टावर की मदद से बूस्टर को हवा में ही पकड़ेगा।
भविष्य की उड़ानें और लक्ष्य
स्टारशिप का ऊपरी हिस्सा ऑर्बिटल वेग (कक्षा तक की गति) तक पहुंचा। यह रॉकेट धरती पर एक जगह से दूसरी जगह तक तेज यात्रा करने, आर्टेमिस प्रोग्राम के तहत इंसानों को चांद पर भेजने और यहां तक कि भविष्य में मंगल ग्रह पर इंसान भेजने के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण है।
यह रॉकेट 232 फीट ऊंचे सुपर हेवी बूस्टर और 171 फीट ऊंचे स्टारशिप अपर स्टेज से मिलकर बना है जिसकी कुल ऊंचाई स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी से भी ज्यादा है। इस सफल टेस्ट के बाद स्पेसएक्स अब अपने बड़े लक्ष्यों की ओर एक कदम और आगे बढ़ गया है।