चिकित्सा जगत में एक बड़ी सफलता हासिल हुई है। वैज्ञानिकों ने पहली बार एक इंसान के शरीर में सूअर के फेफड़ों का सफलतापूर्वक ट्रांसप्लांट किया है। यह उपलब्धि अंग प्रत्यारोपण के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम है।
ब्रेन-डेड व्यक्ति पर हुआ प्रयोग
यह ऐतिहासिक प्रयोग एक ऐसे व्यक्ति पर किया गया था जिसे ब्रेन-डेड घोषित कर दिया गया था। वैज्ञानिकों के अनुसार शुरुआती सूजन के बाद भी सूअर के फेफड़ों के टिशू 9 दिनों तक जीवित रहे। हालांकि यह तरीका अभी पूरी तरह से मरीजों के इलाज के लिए तैयार नहीं है लेकिन इस प्रयोग से वैज्ञानिकों को नई जानकारियां मिली हैं और यह भविष्य में ज़ेनोट्रांसप्लांटेशन (अलग-अलग प्रजातियों के बीच अंगों का प्रत्यारोपण) के लिए रास्ता खोल सकता है।
क्यों जरूरी है यह रिसर्च?
दुनियाभर में अंगों की कमी एक गंभीर समस्या है। अकेले अमेरिका में ही हर दिन औसतन 13 लोगों की मौत सिर्फ इसलिए हो जाती है क्योंकि उन्हें समय पर अंग नहीं मिल पाते। इस समस्या को हल करने के लिए वैज्ञानिक जानवरों के अंगों को इंसानों में लगाने पर रिसर्च कर रहे हैं।
इस तरह के प्रयोग पहले भी हो चुके हैं:
➤ 2021 में: डॉक्टरों ने पहली बार एक इंसान के शरीर में सूअर की किडनी लगाई थी।
➤ कुछ महीने बाद: पहली बार सूअर का दिल इंसान के शरीर में लगाया गया था।
ये सभी प्रयोग इस दिशा में मील का पत्थर साबित हो रहे हैं। वैज्ञानिकों का मानना है कि इस तरह की रिसर्च अंगों की कमी की समस्या को हमेशा के लिए खत्म कर सकती है।