अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर दावा किया है कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच परमाणु युद्ध को रोक दिया था। ट्रंप के अनुसार, दोनों देशों के बीच हालात इतने बिगड़ चुके थे कि वो युद्ध परमाणु स्तर तक पहुंच सकता था, लेकिन उन्होंने समय रहते हस्तक्षेप कर सब कुछ शांत करवा दिया।
ट्रंप का दावा: “24 घंटे में शांति नहीं तो व्यापार बंद”
एक जनसभा को संबोधित करते हुए ट्रंप ने कहा: “मैंने कई युद्धों को रोका है। सबसे बड़ा युद्ध भारत और पाकिस्तान के बीच होने वाला था। वे पहले ही 7 लड़ाकू विमान गिरा चुके थे, हालात बहुत भयानक थे। यह परमाणु युद्ध बन सकता था।”
ट्रंप ने बताया कि उन्होंने दोनों देशों को कड़ा संदेश दिया: “मैंने कहा – क्या आप व्यापार करना चाहते हैं? अगर आप लड़ाई बंद नहीं करते तो हम आपके साथ कोई व्यापार नहीं करेंगे। आपके पास सिर्फ 24 घंटे हैं इसको रोकने के लिए।”
उनके अनुसार, इस धमकी के बाद दोनों देश शांत हो गए और कहा कि अब युद्ध जैसी कोई स्थिति नहीं है।
भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव क्यों बढ़ा?
भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव मई 2025 की शुरुआत में बढ़ा था।
- 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में एक बड़ा आतंकी हमला हुआ, जिसमें 26 निर्दोष नागरिकों की मौत हो गई।
- इसके जवाब में भारत ने “ऑपरेशन सिंदूर” चलाया। इस सैन्य कार्रवाई में भारत ने पाकिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर (PoK) में स्थित आतंकवादी लॉन्च पैड्स को निशाना बनाया।
- इस ऑपरेशन के बाद 7 से 10 मई तक दोनों देशों के बीच तनाव बहुत बढ़ गया और सीमा पर गोलाबारी भी हुई। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इस दौरान लड़ाकू विमानों के इस्तेमाल और ड्रोन हमलों की खबरें भी सामने आई थीं।
भारत का जवाब: “ट्रंप की कोई भूमिका नहीं थी”
हालांकि ट्रंप ने कई बार कहा है कि उन्होंने भारत-पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता की, लेकिन भारत सरकार ने उनके दावे को खारिज कर दिया है।
विदेश मंत्रालय की तरफ से पहले ही स्पष्ट किया गया था कि भारत और पाकिस्तान के बीच युद्धविराम की सहमति दोनों देशों के सैन्य अधिकारियों (DGMO) के स्तर पर बातचीत के बाद हुई थी। भारत ने ट्रंप या अमेरिका की किसी भी भूमिका को मानने से इनकार किया है।
डोनाल्ड ट्रंप का ट्रैक रिकॉर्ड – “डील मेकर” की छवि
ट्रंप हमेशा से खुद को “डील मेकर” या समझौता कराने वाला नेता बताते रहे हैं। अपने कार्यकाल में उन्होंने:
- उत्तर कोरिया और दक्षिण कोरिया के बीच शांति वार्ता शुरू करवाई।
- चीन के साथ ट्रेड वॉर में कई फैसले लिए।
- ईरान न्यूक्लियर डील से अमेरिका को बाहर निकाला।
लेकिन भारत और पाकिस्तान के मामले में उनका दावा विवादास्पद रहा है क्योंकि भारत स्पष्ट तौर पर कह चुका है कि वह किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता स्वीकार नहीं करता।