पाकिस्तान में आतंकवाद धमने का नाम नहीं ले रहा है। पाक के आतंकी समूह अब नागरिकों के साथ-साथ पाक सेना को भी निशाना बना रहे हैं। पाकिस्तान के उत्तर-पश्चिमी सीमावर्ती प्रांत में दो अलग-अलग घटनाओं में हुए आतंकी हमलों में कम से कम पांच सुरक्षाकर्मियों की मौत हो गई और 17 अन्य घायल हो गए।
PICSS (इस्लामाबाद स्थित थिंक-टैंक) की रिपोर्ट के अनुसार, जून 2025 में देशभर में 78 आतंकी हमले होने से 100 से अधिक लोग मारे गए जिनमें 53 सुरक्षा बल, 39 नागरिक, 6 आतंकवादी और 2 पीस कमिटी सदस्य शामिल थे। 189 घायल, जिनमें 126 सुरक्षा कर्मी और 63 नागरिक थे। सुरक्षा बलों ने जवाबी कार्रवाई में 71 आतंकवादी मार गिराए। कुल मिलाकर जून में आतंकी हिंसा और सुरक्षा अभियान दोनों को मिलाकर 175 लोग मारे गए।
वर्ष 2025 (जनवरी–जून) में कुल 502 आतंकवादी घटनाएं सामने आईं, जिनमें 737 मौतें हुईं (284 सुरक्षा बल, 267 नागरिक, 180 आतंकवादी, 6 पीस कमिटी सदस्य) और 991 घायल हुए। यह आंकड़ा 2024 की समान अवधि की तुलना में 5% अधिक हमले, 121% अधिक मौतें और 84% अधिक घायल दर्शाता है।
अतिरिक्त हत्याकांड और हमले:
मीर अली (28 जून 2025): आत्मघाती कार बम हमले में 16 सैनिक शहीद और 29 घायल, जिसमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल थे। जिम्मेदार हाफिज गुल बहादुर समूह था। दरुल उलूम हक़क़ानिया मदरसे में बम धमाका (28 फरवरी 2025): आत्मघाती बम हमले में प्रमुख मौलाना हामिद उल हक़ हक़क़ानी और 7 अन्य मारे गए, लगभग 20 घायल। ISKP पर संदेह।
सुरक्षा व्यवस्था: प्रतिक्रिया और चुनौतियां
इन तमाम घटनाओं से स्पष्ट है कि पाकिस्तान के सीमावर्ती इलाके—विशेषकर KP और बलूचिस्तान—ऐतिहासिक रूप से भी अस्थिर रहे हैं, और हाल के महीनों में स्थिति चिंताजनक रूप से बिगड़ी है। आतंकवादी अब केवल आम नागरिकों नहीं, बल्कि सक्रिय रूप से सुरक्षा बलों को भी निशाना बना रहे हैं। हालांकि सुरक्षा बल तीव्र और प्रभावी जवाबी कार्रवाई कर रहे हैं, लेकिन बढ़ती हिंसा ने सुरक्षा तंत्र पर सवाल जरूर उठाए हैं।