झारखंड में सड़क निर्माण विभाग ने अधिकारियों के बीच समन्वय की कमी के कारण भूमि अधिग्रहण पर 19.15 करोड़ रुपये बेवजह खर्च किए। यह खुलासा झारखंड विधानसभा में सोमवार को पेश की गई कैग (भारत के नियन्त्रक एवं महालेखापरीक्षक) की एक रिपोर्ट में हुआ है।
रिपोर्ट के मुताबिक यह व्यय अधिशासी अभियंता (ईई), सड़क निर्माण विभाग (आरसीडी) के अधिकारियों, गिरिडीह और जिला भूमि अधिग्रहण अधिकारी (डीएलएओ) के बीच समन्वय की कमी के कारण हुआ। कैग ने अपनी रिपोर्ट में कहा, ‘‘सड़क चौड़ीकरण के लिए भूमि अधिग्रहण हेतु जिला भूमि अधिग्रहण अधिकारी को अतिरिक्त धनराशि उपलब्ध कराने में विभाग की असमर्थता, तथा अधिशासी अभियंता और जिला भूमि अधिग्रहण अधिकारी के बीच समन्वय की कमी के कारण 19.15 करोड़ रुपये बेवजह खर्च हुए।”
यह रिपोर्ट गिरिडीह जिले में कोडेम्ब्री-मंद्रो-अस्को रोड के 18.85 किलोमीटर हिस्से के चौड़ीकरण से संबंधित है। यह परियोजना 2011 में 29.94 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत पर स्वीकृत हुई थी, जिसके लिए 2012 में प्रशासनिक स्वीकृति दी गई थी, ताकि परियोजना को 2012-13 तक पूरा किया जा सके। इस परियोजना के लिए 20 गांवों में 86.16 एकड़ भूमि के अधिग्रहण की जरूरत थी।