राजस्थान के दक्षिणी अंचल वागड़ क्षेत्र में सावन मास की धार्मिक आस्था और भक्ति की परंपरा कुछ अलग और अनोखी है। यहां श्रावण मास सिर्फ एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक उत्सव का रूप ले लेता है। खास बात यह है कि वागड़ अंचल में श्रावण की शुरुआत सामान्य पंचांग के अनुसार नहीं होती, बल्कि हरियाली अमावस्या से ही यहां का शिवभक्ति का यह अनूठा पर्व आरंभ हो जाता है, जो डेढ़ महीने तक चलता है।
हरियाली अमावस्या से शुरू होता है वागड़ का सावन
राजस्थान के अन्य हिस्सों की तुलना में वागड़ में श्रावण का आरंभ एक विशेष परंपरा से जुड़ा हुआ है। यहां हरियाली अमावस्या से ही शिवालयों में घंटाध्वनि, भजन कीर्तन और रुद्राभिषेक की गूंज सुनाई देने लगती है। इस दिन को भगवान शिव की विशेष पूजा का प्रारंभ माना जाता है। हर घर और मंदिर में भक्ति का माहौल बन जाता है।
पंचमी से पहले शिवालयों में उमड़ने लगती है भीड़
वागड़ क्षेत्र के डूंगरपुर, बांसवाड़ा और आसपास के ग्रामीण इलाकों में श्रावण मास की तैयारी एक सप्ताह पहले से ही शुरू हो जाती है। पंचमी से पूर्व ही मंदिरों में विशेष झांकियां, शिव बारात और रुद्राभिषेक का आयोजन प्रारंभ हो जाता है। लोग पूजा सामग्री, बेलपत्र, धतूरा, भांग और दूध इकट्ठा कर भगवान शिव को अर्पित करते हैं।
श्रद्धालु जलाभिषेक के लिए नदी-नालों से जल भरकर लंबी दूरी तय कर शिव मंदिरों तक पहुंचते हैं। खासकर सोमवती अमावस्या और सोमवार को भारी भीड़ उमड़ती है।
गांव-गांव में शिवालयों की विशेष सजावट
श्रावण के दौरान वागड़ के गांव-गांव में बने छोटे-बड़े शिवालयों को आकर्षक रोशनी, फूलों और पारंपरिक सजावट से सजाया जाता है। ग्रामीण युवा, महिलाएं और बच्चे भी भक्ति भाव से ओतप्रोत नजर आते हैं। महिला मंडल भजन मंडलियों के रूप में भक्ति गीत गाती हैं और मंदिरों में घंटों सत्संग होता है।
सावन में सामाजिक मेलजोल और उत्सव का रूप
वागड़ में श्रावण केवल भक्ति तक सीमित नहीं है, यह सामाजिक समरसता का भी प्रतीक है। गांव के लोग सामूहिक रूप से मंदिरों की साफ-सफाई, सजावट और प्रसादी के आयोजन में हिस्सा लेते हैं।
धर्म, संस्कृति और प्रकृति का संगम
श्रावण मास में वागड़ की हरियाली, नदियों का कल-कल, मंदिरों की घंटाध्वनि और भक्तों की आस्था – इन सबका अद्भुत संगम होता है। लोग अपने खेतों में हरियाली देखकर प्रकृति को धन्यवाद देते हैं और शिव की आराधना से अपने जीवन में सुख-समृद्धि की कामना करते हैं।