जहां एक ओर लोग नौकरी पाने के बाद सैलरी की उम्मीद करते हैं वहीं चीन में एक अजीबोगरीब चलन सामने आया है। यहां युवा और बेरोजगार लोग नौकरी के लिए नहीं बल्कि काम करने का दिखावा करने के लिए पैसे दे रहे हैं। यह हैरान कर देने वाला चलन चीन की खराब अर्थव्यवस्था और बढ़ती बेरोजगारी के कारण तेज़ी से फैल रहा है।
नकली ऑफिस में काम करने का नाटक
चीन में असली नौकरी मिलना बहुत मुश्किल हो गया है। ऐसे में कई युवा घर पर बैठने के बजाय पैसे देकर नकली ऑफिस में जाते हैं। यह एक ऐसा चलन है जहां लोग हर दिन ₹300 से ₹500 तक का किराया देकर किसी ऑफिस में बैठते हैं। इन जगहों पर असली दफ्तर जैसा माहौल होता है जिसमें कंप्यूटर, इंटरनेट, मीटिंग रूम और चाय-कॉफी जैसी सभी सुविधाएँ होती हैं।
क्यों हो रहा है ऐसा?
इस दिखावे की नौकरी का मकसद सिर्फ समय बिताना नहीं है बल्कि एक रूटीन में रहना और यह दिखाना है कि वे किसी कंपनी में काम कर रहे हैं। कई ग्रेजुएट छात्र अपनी इंटर्नशिप साबित करने के लिए यहां आकर तस्वीरें भी खिंचवाते हैं। ये फर्जी ऑफिस शंघाई, शेन्जेन, वुहान और कुनमिंग जैसे चीन के कई बड़े शहरों में फैल चुके हैं।
आमतौर पर यहां आने वाले लोगों में 40% हाल ही में ग्रेजुएट हुए छात्र होते हैं जबकि बाकी 60% फ्रीलांसर और डिजिटल खानाबदोश होते हैं। यह ट्रेंड बेरोजगारी की उस भयावह स्थिति को दर्शाता है जहां युवाओं को नौकरी के लिए इतना संघर्ष करना पड़ रहा है कि वे पैसे देकर काम करने का नाटक कर रहे हैं।