राजस्थान में मानसून ने अचानक रौद्र रूप धारण कर लिया है। बीते कुछ दिनों से लगातार हो रही बारिश ने आम जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। कई इलाकों में हालात इतने खराब हो गए हैं कि सड़कें नदियों जैसी बह रही हैं और गाड़ियां पानी में तैरती नजर आ रही हैं। मौसम विभाग ने राज्य के 9 जिलों में रेड अलर्ट जारी किया है और नागरिकों से सतर्क रहने की अपील की गई है।
सबसे ज्यादा असर इन जिलों में
राज्य के कोटा, झालावाड़, बारां, बूंदी, सिरोही, बांसवाड़ा, डूंगरपुर, प्रतापगढ़ और उदयपुर जिलों में भारी बारिश ने जनजीवन को पूरी तरह ठप कर दिया है। इन जिलों में जलभराव, ट्रैफिक जाम और बिजली की आपूर्ति में दिक्कतें सामने आई हैं। कोटा और बारां में तो कई घरों और दुकानों में पानी भर गया है, जिससे लोगों को काफी नुकसान हुआ है।
बारिश के चलते गांवों में संपर्क मार्ग टूट गए हैं, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों का शहरों से संपर्क कट गया है। वहीं खेतों में खड़ी फसलें भी जलभराव की वजह से प्रभावित हुई हैं।
सड़कों पर तैरती गाड़ियां, रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू
कोटा, उदयपुर और बांसवाड़ा जैसे जिलों में बारिश के कारण जलभराव इतना अधिक हो गया कि कई वाहन सड़कों पर तैरते नजर आए। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि किस तरह लोग अपने वाहनों को छोड़कर पानी में फंसे हुए हैं।
प्रशासन की ओर से NDRF और SDRF की टीमें सक्रिय कर दी गई हैं। कुछ क्षेत्रों में नाव के सहारे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है।
स्कूल बंद, बिजली सप्लाई पर असर
बारिश के कारण कई जिलों में स्कूल-कॉलेजों को अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया है। बिजली व्यवस्था भी बुरी तरह प्रभावित हुई है। कुछ जगहों पर ट्रांसफॉर्मर जलने और बिजली के खंभों के गिरने की खबरें आई हैं। प्रशासन लोगों से अपील कर रहा है कि वे अनावश्यक रूप से घर से बाहर न निकलें और सुरक्षित स्थानों पर रहें।
मौसम विभाग का अनुमान
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने बताया है कि दक्षिण-पश्चिम मानसून की सक्रियता के कारण अगले 48 घंटे में भारी से अति भारी वर्षा की संभावना बनी हुई है। रेड अलर्ट वाले जिलों में तेज हवा, बिजली गिरने और अत्यधिक वर्षा की चेतावनी दी गई है।
मौसम विभाग ने यह भी कहा है कि जिन इलाकों में पहले ही जलभराव की स्थिति बनी हुई है, वहां और बारिश होने पर बाढ़ जैसे हालात उत्पन्न हो सकते हैं।
प्रशासन ने की तैयारियां
राज्य सरकार ने सभी जिला कलेक्टरों को आपदा प्रबंधन के लिए तैयार रहने के निर्देश दिए हैं। राहत शिविरों की स्थापना शुरू कर दी गई है और आपातकालीन हेल्पलाइन नंबर सक्रिय कर दिए गए हैं।