बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Election) से पहले मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण और सत्यापन को लेकर सियासी पारा काफी हाई है। राष्ट्रीय जनता दल, कांग्रेस सहित कई विपक्षी दलों ने चुनाव आयोग के इस फैसले पर नाराजगी जाहिर की है।
तेजस्वी यादव ने कहा कि चुनाव आयोग के बार-बार बदलते दिशा निर्देश से राज्य के लोगों के बीच भ्रम की स्थिति बन गई है। विवाद के बीच AIMIM मुखिया असदुद्दीन ओवैसी चुनाव आयोग पहुंच गए। दिल्ली स्थित चुनाव आयोग के दफ्तर पहुंचे। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग ने जल्दबाजी में मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण का फैसला किया है।
उन्होंने कहा कि मतदाता सूची से 15-20 फीसदी लोग बाहर किए जाते हैं। डर है कि वो लोग अपनी नागरिकता भी गंवा देंगे। उन्होंने कहा कि हम पुनरीक्षण के खिलाफ नहीं है, लेकिन समय दिया जाना चाहिए। ओवैसी ने कहा कि हमारा सवाल है कि चुनाव आयोग किस तरह से इतने कम समय में इस तरह की प्रक्रिया पूरी कर सकता है?
बांग्लादेशी घुसपैठिए के मुद्दे पर क्या बोले ओवैसी?
ओवैसी ने इस मुद्दे को लेकर भाजपा और आरएसएस पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि भाजपा झूठ फैला रही है कि राज्य में बांग्लादेश से घुसपैठिए आ गए हैं। सन् 1971 की लड़ाई के बाद हिंदुस्तान ने जिन्हें आने की इजाजत दी थी, आज वह लोग कैसे घुसपैठिए बन गए?
रिजिजू की टिप्पणी पर क्या बोले ओवैसी?
असदुद्दीन ओवैसी ने केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरण रिजिजू की टिप्पणी पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। रिजिजू ने कहा था कि भारत एकमात्र ऐसा देश है जहां अल्पसंख्यकों को बहुसंख्यक समुदाय की तुलना में अधिक लाभ और सुरक्षा मिलती है। ओवैसी ने इसका जवाब देते हुए कहा कि भारत के अल्पसंख्यक अब द्वितीय श्रेणी के नागरिक भी नहीं हैं, बल्कि वे “बंधक” हैं।
ओवैसी ने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा, “भारत के अल्पसंख्यक अब द्वितीय श्रेणी के नागरिक नहीं हैं। हम बंधक हैं।” उन्होंने रिजिजू को याद दिलाया कि वह एक मंत्री हैं, राजा नहीं, और एक संवैधानिक पद पर हैं, सिंहासन पर नहीं। अल्पसंख्यक अधिकार मौलिक अधिकार हैं, न कि दान।