नई दिल्ली। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान और चीन ने मिलकर भारतीय सेना के खिलाफ खूब प्रोपेगेंडा चलाया था। पाकिस्तान ने झूठे आरोप लगाए थे कि उसकी सेना ने राफेल मार गिराया।
हालांकि, भारत ने पाकिस्तान के सभी फेक न्यूज को एक्सपोज कर दिया था, लेकिन राहुल गांधी सहित कई कांग्रेस नेताओं ने कहा था कि सरकार बताए कि क्या सैन्य संघर्ष के दौरान राफेल को नुकसान पहुंचा है? पाकिस्तान ने दावा किया था उसकी सेना ने भारत के तीन राफेल सहित पांच विमानों को मार गिराया है।
इसी बीच फ्रांसीसी मिलिट्री और सीक्रेट अधिकारियों ने रविवार को दावा किया कि मई में भारत और पाकिस्तान संघर्ष में राफेल की क्षमता पर सवाल खड़ा करने के लिए चीन ने अपने दूतावास का इस्तेमाल किया था। फ्रांस की खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक, भारत पाकिस्तान संघर्ष के बीच चीन के विदेशी दूतावास में मिलिट्री डिप्लोमैट्स (डिफेंस अताशे) ने राफेल की बिक्री को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की।
अमित मालवीय ने राहुल गांधी पर साधा निशाना
फ्रांसीसी मिलिट्री और सीक्रेट अधिकारियों के दावे के बाद भाजपा नेता अमित मालवीय ने राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि राहुल गांधी का चीनी सैन्य तकनीक के प्रति अजीब लगाव है। बार-बार, राहुल गांधी ने चीन की वकालत की है।
इतना ही नहीं भाजपा आईटी सेल के प्रमुख ने यह भी बताया कि कब-कब राहुल गांधी ने ‘मेड इन चाइना’ डिवाइस के इस्तेमाल करने की पैरवी की है।
अमित मालवीय ने बताया कि लोकसभा (2021) में राहुल गांधी ने सवाल किया था कि भारतीय सेना चीनी शैली के निगरानी ड्रोन का उपयोग क्यों नहीं कर रही है। राहुल गांधी ने लद्दाख गतिरोध के दौरान PLA की रणनीति की विचित्र रूप से प्रशंसा की।
लंदन (2023) में एक अकादमिक बातचीत में उन्होंने दावा किया कि चीन “प्रौद्योगिकी की दौड़” जीत रहा है और भारत से ड्रोन युद्ध सहित चीनी सैन्य नवाचार से सीखने का आग्रह किया।
रक्षा ‘विशेषज्ञों’ के साथ 2022 के बंद कमरे में चर्चा के दौरान, राहुल ने कथित तौर पर भारत से सीमा क्षेत्रों में चीन की सामरिक ड्रोन तैनाती के समान “विकल्प तलाशने” पर जोर दिया। चाहे वह भारत के सशस्त्र बलों को कमजोर करना हो या दुश्मन के मॉडल को बढ़ावा देना हो, राहुल गांधी देशभक्ति के विमर्श के गलत पक्ष पर खड़े होने में माहिर हैं।