नई दिल्ली। पश्चिम एशिया में इजरायल और ईरान के बीच तनाव के मद्देनजर अमेरिका ने ईरान के खिलाफ अपने घातक बी-2 स्टेल्थ बमवर्षक
विमानों का इस्तेमाल किया।
गोवाडिया को स्टेल्थ तकनीक बेचने का दोषी ठहराया
सैटलाइट इमेज से पता चलता है कि चीन भी एक ऐसा ही बमवर्षक विमान विकसित कर रहा है, जो संभवत: नाथ्राप के पूर्व इंजीनियर नोशिर गोवाडिया से चुराए गए रहस्यों की मदद से विकसित हो रहा है। गोवाडिया को संवेदनशील स्टेल्थ तकनीक बेचने का दोषी ठहराया गया है।
अमेरिका ने हाल ही में किया स्टेल्थ बी-2 स्पिरिट बमवर्षक विमानों का इस्तेमाल
बहरहाल, यह निर्माण चीन को बी-2 बमवर्षक का प्रतिद्वंद्वी मैदान में उतारने के करीब ले जाता है। ईरानी परमाणु ठिकानों को ध्वस्त करने के लिए अमेरिका ने बेजोड़ हवाई शक्ति का प्रदर्शन करते हुए अपने स्टेल्थ बी-2 स्पिरिट बमवर्षक विमानों का इस्तेमाल किया, जो एक अभूतपूर्व कदम था।
इस बीच, ऐसा प्रतीत हो रहा है कि सुर्खियों से दूर चीन चुपचाप एक ऐसे ही विमान पर काम कर रहा है।
सैटेलाइट इमेज से खुलासा
‘द वार जोन’ के अनुसार, 14 मई, 2025 की सैटेलाइट इमेज में झिंजियांग प्रांत के मालन के पास एक गुप्त परीक्षण बेस पर एक बड़ा फ्लाइंग-विंग स्टेल्थ विमान दिखाई दिया है। ड्रोन जैसा यह विमान अधिक ऊंचाई पर उड़ान भरने वाला, लंबे समय तक आकाश में टिके रहने वाला माना जाता है।
यह नए हैंगर के बाहर देखा गया, जो चीन की अगली पीढ़ी के कार्यक्रमों जैसे एच-20 बमवर्षक और जे-36 युद्धक विमान से जुड़े व्यापक पारिस्थितिकी तंत्र का संकेत देता है। इस विमान के डैनों की चौड़ाई लगभग 52 मीटर (170 फीट) है जो अमेरिका के बी-2 बमवर्षक से काफी मिलता-जुलता है।
क्या चीन ने बी-2 के सीक्रेट्स चुराए?
बी-2 के प्रोपल्शन और स्टेल्थ सिस्टम के पीछे प्रमुख व्यक्तियों में से एक नोशिर गोवाडिया को चीन और अन्य देशों को अमेरिकी डिफेंस सीक्रेट्स बेचने के लिए वर्ष 2005 में गिरफ्तार किया गया था। गोवाडिया मूल रूप से अब मुंबई के रहने वाले हैं।
1960 के दशक में वह एयरोस्पेस और डिफेंस कांट्रैक्टर नाथ्राप (अब नाथ्राप ग्रुममैन) में शामिल हुए और उन्होंने बी-2 की तकनीक विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। 1986 में कंपनी छोड़ने के बाद उन्होंने अपनी खुद की कंसल्टिंग फर्म शुरू की। लेकिन 2004 आते-आते एफबीआइ ने उनके पास एक फर्नीचर कंटेनर में भेजे गए कुछ गोपनीय दस्तावेज पाए जाने के बाद उनकी जांच शुरू कर दी थी।
गोवाडिया चीन को संवेदनशील स्टेल्थ तकनीक सौंपी
‘पापुलर मैकेनिक्स’ की एक रिपोर्ट के अनुसार, गोवाडिया ने 2003-2004 में चीन की कई यात्राएं कीं और संवेदनशील स्टेल्थ तकनीक सौंपी, जिसके लिए उन्हें तीन वर्षों में 1,10,000 डॉलर मिले। अक्टूबर, 2005 में एफबीआइ ने उनके माउई स्थित घर पर छापा मारा और दस्तावेजों एवं इलेक्ट्रानिक उपकरण सहित 500 पाउंड जब्त किए।
गोवाडिया ने नाथ्राप में दो दशक बिताए थे
रिपोर्ट के अनुसार, ”गोवाडिया ने नाथ्राप में दो दशक बिताए थे, जहां उन्होंने बी-2 स्पिरिट बमवर्षक के लिए स्टेल्थ प्रोपल्शन सिस्टम को डिजाइन करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, जो सबसे क्रांतिकारी सैन्य तकनीकों में से एक है।”
गोवाडिया ने कबूला अपना गुनाह
हालांकि, गोवाडिया ने शुरू में ‘गलत काम’ करने से इनकार किया था। मगर बाद में लिखित रूप में कबूल किया – ”मैंने जो किया वह गलत था क्योंकि मैंने पीआरसी को क्रूज मिसाइल बनाने में मदद की। मैंने जो किया वह जासूसी और देशद्रोह था।”
2010 में उन्हें आर्म्स एक्सपोर्ट कंट्रोल एक्ट और जासूसी अधिनियम के तहत 14 मामलों में दोषी ठहराया गया था। उन्हें 2011 में 32 साल की जेल की सजा सुनाई गई और वह अभी भी कोलोराडो के फ्लोरेंस स्थित सुपरमैक्स जेल में बंद हैं। उनके बेटे एश्टन गोवाडिया अपने पिता की बेगुनाही का दावा करते रहे हैं।
चीन को बमवर्षक विमान बनाने के करीब
उनका आरोप है कि जूरी से महत्वपूर्ण सबूतों को छिपाया गया और एफबीआइ ने ‘पूरे नैरेटिव को नियंत्रित’ किया। लेकिन, तब तक नुकसान हो चुका था। चीन को वह मिल गया जिसकी उसे जरूरत थी..और आज, वह एक स्टेल्थ बमवर्षक विमान को तैनात करने के करीब पहुंच रहा है जो जल्द ही बी-2 को टक्कर दे सकता है।