गोरखपुर
रामगढ़ताल किनारे कूड़ाघाट से सहारा एस्टेट तक बचे हुए हिस्से में भी रिंग रोड निर्माण का कार्य जोरों पर है। फरवरी 2025 तक शहरवासियों को ताल के चारों तरफ रिंग रोड की सुविधा मिल जाएगी। रिंग रोड बन जाने से ताल की खूबसूरती तो बढ़ ही जाएगी, पर्यटन को भी नया आयाम मिलेगा।
गोरखपुर विकास प्राधिकरण (जीडीए), त्वरित आर्थिक विकास योजना के तहत ताल किनारे कूड़ाघाट से सहारा एस्टेट तक 4 किलोमीटर लंबी और दो लेन चौड़ी रिंग रोड का निर्माण करा रहा है। इसमें करीब 28 करोड़ रुपये की लागत आएगी। अब तक तीन किमी हिस्से में मिट्टी भराई का कार्य लगभग पूरा कर लिया गया है, जबकि 500 मीटर तक जीएसबी (ग्रेन्युलर सब बेस) बिछाकर सड़क निर्माण शुरू कर दिया गया है।
प्राधिकरण के उपाध्यक्ष आनंद वर्द्धन खुद निर्माण कार्य की निगरानी कर रहे हैं। 18 जून को संपन्न हुई बोर्ड बैठक में भी निर्माण कार्य की प्रगति पर चर्चा हुई। कमिश्नर ने निर्देश दिए कि तय समय पर कार्य पूरा कराया जाए।
पाइलिंग के ऊपर बीम और रेलिंग का काम जारी
ताल की दिशा में पाइलिंग के ऊपर कंक्रीट और स्टील की बीम डाली जा रही है। इस पर स्टील की रेलिंग लगाई जाएगी, जिससे सुरक्षा के साथ सुंदरता भी बढ़ेगी। प्राधिकरण के अधिशासी अभियंता नरेंद्र कुमार ने बताया कि दो लेन की यह सड़क कुल 12 मीटर चौड़ी होगी, जिसमें सात मीटर की मुख्य सड़क होगी। दोनों ओर फुटपाथ का भी निर्माण किया जा रहा है। साथ ही, ताल फ्रंट और बोट जेट्टी भी बनाई जाएगी। जेट्टी निर्माण का प्रस्ताव शासन में स्वीकृति के लिए भेजा गया है। शुक्रवार को अधिशासी अभियंता ने मौके पर पहुंचकर निर्माण कार्य का निरीक्षण भी किया।
पहले चरण के रिंग रोड पर शुरू हाे चुका है आवागमन
पहले चरण के तहत मोहद्दीपुर स्थित स्मार्ट व्हील शोरूम से पैडलेगंज पुलिस चौकी तक रिंग रोड का निर्माण कार्य पूरा होने के साथ ही इसपर आवागमन भी शुरू हो चुका है। ऐसे में स्मार्ट व्हील शोरूम से सहारा एस्टेट तक का यह नया रिंग रोड हिस्सा जुड़ने के बाद रामगढ़ताल के चारों ओर रिंग रोड का निर्माण कार्य पूरा हो जाएगा। इस रिंग रोड के निर्माण से न सिर्फ रामगढ़ताल की सुंदरता बढ़ेगी, बल्कि देवरिया बाईपास रोड स्थित कालोनियों के निवासियों को भी आवागमन में बड़ी सहूलियत मिलेगी।
समझौते के आधार पर हो रहा भूमि का अर्जन
इस परियोजना में कई काश्तकारों की जमीन शामिल है। इसके लिए प्राधिकरण समझौते के आधार पर रजिस्ट्री कराकर भू-स्वामियों को मुआवजा दे रहा है। जिलाधिकारी द्वारा मुआवजे की दर 3.5 करोड़ रुपये प्रति हेक्टेयर तय की गई है। कुछ भू-स्वामी पहले ही रजिस्ट्री कर चुके हैं। शेष भूमि के लिए भी प्राधिकरण लगातार प्रयासरत है।