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नई दिल्ली
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू उस वक्त आलोचनाओं के शिकार हो गए। जब उन्होंने अपने बेटे की शादी में देरी को ईरान के साथ चल रहे जंग की “निजी कीमत” करार दिया।
द गार्डियन की खबर के मुताबिक, इजरायल के कई लोगों ने उनकी इस टिप्पणी को बेतुका और खुदगर्ज बताया है। यह बयान तब आया जब नेतन्याहू बे’र शेवा के सोरोका अस्पताल के सामने खड़े थे। एक दिन पहले ईरानी मिसाइल हमले में क्षतिग्रस्त हो गया था।
नेतन्याहू ने गंभीर लहजे में बोलते हुए इजरायल की मौजूदा हालत की तुलना द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान ब्रिटेन पर हुई बमबारी, यानी ‘ब्लिट्ज’ से की।
उन्होंने कहा, “यह मुझे ब्लिट्ज के दौरान ब्रिटिश लोगों की याद दिलाता है। हम भी एक ब्लिट्ज से गुजर रहे हैं।” उन्होंने अपने परिवार की मुश्किलों को आम इजरायलियों की तकलीफों से जोड़ने की कोशिश की।
बेटे की शादी का जिक्र कर रहे थे इजरायली प्रधानमंत्री
नेतन्याहू ने अपने बेटे अवनेर की शादी को दूसरी बार टालने का जिक्र किया। यह शादी सुरक्षा कारणों से स्थगित हुई। उन्होंने कहा कि इस देरी ने अवनेर की मंगेतर और उनकी बीवी सारा नेतन्याहू को भी गहरा दुख पहुंचाया। उन्होंने सारा को “हीरो” तक कह डाला, जो इस सदमे को बर्दाश्त कर रही हैं।
उन्होंने कहा, “कुछ लोग मारे गए, कुछ परिवार अपने प्रियजनों के गम में डूबे हैं, मैं इसकी कद्र करता हूं। लेकिन हर शख्स को निजी कीमत चुकानी पड़ रही है और मेरा परिवार भी इससे अछूता नहीं है।”
इस बयान की सोशल मीडिया पर तीखी आलोचना हुई। यह विवाद नेतन्याहू की साख पर और सवाल उठा रहा है, क्योंकि इजरायल मुश्किल दौर से गुजर रहा है और लोग अपने नेताओं से एकजुटता और संवेदना की उम्मीद कर रहे हैं।
लोगों ने नेतन्याहू पर जंग की सच्चाई से कटे होने और अपनी छवि को जनता के दुख-दर्द से ऊपर रखने का इल्जाम लगाया। इजरायल के मुताबिक, इस जंग में अब तक 24 आम नागरिक मारे गए हैं। वहीं, अमेरिका के मानवाधिकार संगठनों का अनुमान है कि इजरायल के अचानक हवाई हमले में कम से कम 263 ईरानी नागरिकों की जान गई है।
लोगों का गुस्सा तब और भड़का जब खबरें आईं कि नेतन्याहू अपने बेटे की शादी के लिए वक्त निकालने की योजना बना रहे हैं। यह शादी पहले नवंबर में होनी थी, लेकिन सुरक्षा कारणों से रद हो गई थी।
नेतन्याहू की पत्नी को हीरो कहने पर भड़का यूजर
एक यूजर ने नेतन्याहू की ओर से खुद की पत्नी को हीरो बताने पर आलोचना की। उन्होंने कहा, “हीरो वो डॉक्टर हैं जो रात की शिफ्ट के लिए घर से निकलते हैं। हीरो वो टीचर हैं जो ज़ूम और फोन कॉल्स के जरिए हमारे बच्चों को पढ़ाते हैं।”
पत्रकार अमीर तिबोन ने भी आलोचना की और कहा, “नेतन्याहू के इस लहजे से कोई हैरानी नहीं। जब निजी मिसाल की सबसे ज़्यादा जरूरत होती है, तब भी वो सबसे पहले अपनी फिक्र करते हैं।”