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अयोध्या
राम मंदिर के प्रथम तल पर विराजित राम दरबार का दर्शन प्रारंभ हो गया है। श्रद्धालुओं को इसके लिए सुगम व विशिष्ट पास बनवाते समय राम दरबार के दर्शन का विकल्प देना होगा। तब इन्हीं पासों पर ही दरबार के दर्शन की अनुमति दी जाएगी। पास बनने के बाद ही भक्त रामलला के साथ राम दरबार का भी दर्शन कर सकेंगे।
ये पास श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट व जिला प्रशासन की संस्तुति से बनेंगे। सुगम व विशिष्ट पास पर रामलला व राम दरबार दर्शन अंकित करके इसे भक्तों को दिया जायेगा। शनिवार को इसी तरह से लगभग दो सौ पास जारी किये गये।
प्रत्येक दिन छह स्लाटों में कुल एक हजार आठ सौ विशिष्ट व सुगम पास बनाये जाते हैं। प्रत्येक स्लाट में तीन सौ पास जारी होते हैं, इनमें दो सौ विशिष्ट व एक सौ सुगम पास हैं। सुगम व विशिष्ट पास संबंधित साफ्टवेयर में मामूली परिवर्तन कर राम दरबार से संबंधित पास जारी किया जाने लगा है।
ये पास यात्री सेवा केंद्र के साथ रंग महल स्थित ट्रस्ट कार्यालय के अलावा मंडलायुक्त, पुलिस महानिरीक्षक, जिलाधिकारी व एसएसपी कार्यालय में बनेंगे। जिला प्रशासन के कोटे में संबंधित अधिकारी की संस्तुति पर जिला प्रशासन की ओर से राम दरबार संबंधित पास जारी हो सकेगा। दूसरी ओर ट्रस्ट की ओर से महासचिव चंपतराय, ट्रस्टी डा. अनिल कुमार मिश्र व मंदिर व्यवस्था के प्रमुख गोपाल राव की संस्तुति पर पास बनाये जायेंगे।
शुक्रवार को दोपहर बाद राम दरबार का भी दर्शन शुरू हुआ। पहले दिन इससे संंबंधित पास नहीं बन सके, जिन सुगम व विशिष्ट पास धारकों ने राम दरबार के दर्शन की इच्छा व्यक्त की, उन्हें राम दरबार का दर्शन कराया दिया गया, लेकिन शनिवार से इनके पास जारी होने प्रारंभ हो गये।
एक स्लाट में दो सौ विशिष्ट व एक सौ सुगम पास होते जारी
अयोध्या: नित्य जारी किये जाने वाले एक हजार आठ सौ विशिष्ट व सुगम पास में जिला प्रशासन व ट्रस्ट का कोटा आधा आधा होता है। इसमें नौ सौ पास ट्रस्ट व इतने ही पास जिला प्रशासन के माध्यम से बनाये जाते हैं। ट्रस्ट के सदस्य डा. अनिल कुमार मिश्र ने बताया कि जो व्यवस्था पहले थी, वहीं लागू है, बस सुगम व विशिष्ट पास पर ही राम दरबार के दर्शन की अनुमति दी जायेगी। पास का कोटा जैसे पहले विभाजित था, ठीक उसी प्रकार से राम दरबार के दर्शन का कोटा भी विभाजित है।
जिला प्रशासन अपने कोटे के अंतर्गत इसका पास बना सकेगा। बताया कि प्रत्येक स्लाट में कुल तीन सौ पास बनते हैं, इनमें दो सौ विशिष्ट व एक सौ सुगम पास जारी होते हैं। एक पूरे दिन में एक हजार दो सौ विशिष्ट व छह सौ सुगम पाास जारी करने की व्यवस्था है।
नित्य छह स्लाट में विभाजित है दर्शन अवधि
अयोध्या: दर्शनार्थियों को छह स्लाटों में सुगम व विशिष्ट पास जारी किये जाते हैं। दोनों पास को मिलाकर कुल एक हजार आठ सौ पास बनाये जाते हैं। प्रतिदिन स्लाटों का समय क्रमश: सुबह सात से नौ, नौ से 11, दोपहर एक से तीन, तीन से पांच, पांच से सात बजे के साथ ही अंतिम स्लाट सात से नौ बजे निर्धारित किया गया है।