4 महीने में तैयार हुई परियोजना
आकाश ने जहां इसे बनाया, वह भूमि पट्टे की थी, जिसका अर्थ यह था कि यदि आवश्यक हो तो परियोजना को स्थानांतरित किया जा सके। चार महीनों के भीतर यह परियोजना तैयार हो गई और नवाचार के रूप में स्थापित हो गई। औरंगाबाद में अधिकांश समय सूखा और गर्म मौसम रहता है। ऐसे में आसपास हरियाली कम नजर आती है। शुष्क मौसम की वजह से रंगों का भी अभाव है। ऐसे में कंटेनरों को मनपसंद रंग में रंगकर माहौल में रंग भरा जा सकता है।
पर्यावरण के भी अनुकूल हैं कंटेनर
आर्किटेक्ट आकाश दुधे ने छह साल पहले शिपिंग कंटेनरों का एक व्यावसायिक प्रशिक्षण केंद्र तैयार कर एक नया माडल प्रस्तुत किया था। शिपिंग कंटेनरों का उपयोग न केवल किफायती है, बल्कि यह पर्यावरण के अनुकूल भी है। मजबूत निर्माण सामग्री आकाश मुंबई स्थित जवाहरलाल नेहरू पोर्ट से अनुपयोगी कंटेनर लेते हैं। आकाश बताते हैं-
बेशक सामान्य घरों और कंटेनरों की निर्माण प्रक्रिया में थोड़ा अंतर जरूर है। आपको यह भी सुनिश्चित करना होगा कि छत से पानी का रिसाव नहीं हो रहा है। यदि आपको ओवरहैंग या छत के लिए डबल लेयर स्थापित करने की आवश्यकता है, तो करें। इससे अस्थायी शौचालय भी बनाए जा सकते हैं, जो उपयोगी साबित होंगे।
लोगों ने अपनाया मॉडल
अब लोग स्वतः ही विकल्प को चुन रहे हैं… आकाश ने निर्माण क्षेत्र में जब यह प्रयोग किया था, उस समय इसे सहजता से स्वीकारा नहीं गया था। कई तरह के सवाल उठाए गए थे। हालांकि समय के साथ-साथ उन्होंने पारंपरिक छवि तोड़ी और प्रयोग के लिए जगह बनाई। अब लोग स्वतः ही इस विकल्प का चुन रहे हैं।