दादर एक्सप्रेस में आरक्षित टिकट कन्फर्म कराने के लिए रेल राज्य मंत्री के लेटर पैड का दुरुपयोग करने का मामला भी प्रकाश में आया है। कोटा के तहत आवंटित बर्थों पर यात्रा करने वाले लोगों ने बदले में पैसा देने की भी बात स्वीकारी है। लगातार मिल रही शिकायतों को लेकर रेलवे बोर्ड भी गंभीर हो गया है। बोर्ड ने पूर्वोत्तर रेलवे समेत सभी जोन को ट्रेनों में कोटा के तहत आवंटित बर्थों का रैंडम जांच के लिए दिशा-निर्देश जारी कर दिया है।
यह है प्रकरण

रेलवे भर्ती बोर्ड कार्यालय गोरखपुर में तैनात दो रेलकर्मियों ने 26 अप्रैल, 2024 को जारी पैनल में फर्जी ढंग से अपने बेटों का नाम शामिल कर दिया था। सात अभ्यर्थियों के पैनल में बिना फार्म भरे, परीक्षा दिए, बिना मेडिकल टेस्ट और बिना अभिलेखों की जांच कराए ही अपने बेटों को शामिल कर नौ कर दिया।
रेलवे भर्ती बोर्ड के अध्यक्ष के हस्ताक्षर से ही पैनल जारी हुआ। कार्यालय अधीक्षक चंद्र शेखर आर्य के बेटे राहुल प्रताप और निजी सचिव (द्वितीय) राम सजीवन के बेटे सौरभ कुमार बिना फार्म भरे, परीक्षा दिए और मेडिकल टेस्ट के ही माडर्न कोच फैक्ट्री रायबरेली में फिटर बन गए थे।