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पटना
एलएनजेपी हड्डी सुपरस्पेशियलिटी हास्पिटल में शुक्रवार को एक और व्यक्ति को प्रोस्थेटिक कृत्रिम पैर लगाकर उसके जीवन को सहज बनाया गया। निदेशक डा. सुभाष चंद्रा की उपस्थिति में प्रोस्थेटिकल आर्थोपेडिक यूनिट के डा. अजय कुमार व डा. सुशील कुमार ने इसे लगाया।
प्रोस्थेटिक कृत्रिम अंग जिन लोगों के हाथ-पैर कट गए हैं, उन्हें चलने, खड़े होने, दौड़ने, लिखने, पकड़ने की क्षमता देता है। कुछ माह पूर्व यहां एक रोगी के कृत्रिम हाथ लगाया गया था। डा. अजय कुमार ने बताया कि मधेपुरा निवासी अनिल कुमार सिंह का पैर संक्रमण के कारण एक वर्ष पहले काट दिया गया था।
इससे वे चल नहीं पाते थे। बिस्तर पर रहने के कारण वे कई रोगों की चपेट में आ रहे थे। वे एलएनजेपी में आए तो आयुष्मान भारत कार्ड पर उनके प्रोस्थेटिक कृत्रिम पैर लगाया गया। इसकी फिटिंग इतनी बेहतर थी कि वे तेज रफ्तार से आसानी से चलने लगे हैं। फिजिकल थेरेपी से मांसपेशियों की ताकत बढ़ने के बाद इसके परिणाम और बेहतर होंगे। बताते चलें कि प्रोस्थेटिक अंग सेंसरयुक्त, हल्के एवं शरीर की गतिविधियों के अनुसार कार्य करने वाले होते हैं।
पीएमसीएच के नए भवन में शिफ्ट हुआ स्किन रोग विभा
पटना मेडिकल कालेज अस्पताल (पीएमसीएच) के स्किन रोग विभाग के ओपीडी को नए भवन में शिफ्ट कर दिया गया। इसका उद्घाटन संस्थान के अधीक्षक डा. आइएस ठाकुर ने किया। डा. ठाकुर ने कहा कि नये भवन में अधिकांश विभागों के ओपीडी को शिफ्ट कर दिया गया है, बाकी जितने विभाग बचे हुए हैं उनको भी धीरे-धीरे शिफ्ट कर दिया जाएगा।