इधर, 2014 में राजद के टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़े लेकिन हार गए। 2019 में जदयू में शामिल हुए तथा पार्टी में एक मात्र राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाए गए।
वर्ष 2024 के लोकसभा में प्रत्याशी नही बनाए जाने तथा अतिपिछड़ा समुदाय के बड़े नेताओं की उपेक्षा का आरोप लगाते हुए पार्टी से बगावत कर दिए। जिसके कारण जदयू के राष्ट्रीय कार्यसमिति से बाहर कर दिया गया।
जिसके बाद श्री मंडल ने गत 06 जनवरी 2025 को राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव एवं नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव से मिलकर राजद में शामिल होने का निर्णय लिया।
उनके समर्थकों को  तेजस्वी प्रसाद यादव की उपस्थिति में  फुलपरास में आयोजित समारोह में विधिवत रूप से उन्हें तथा उनके समर्थकों पार्टी में शामिल किया गया।

क्या बोले राजद नेता?

राजद जिलाध्यक्ष वीरबहादुर राय एवं प्रदेश महासचिव रामबहादुर यादव की मानें तो मंगनीलाल मंडल कमजोर वर्ग के सच्चे रहनुमा और राजनीतिक कार्यकर्ताओ के प्रशिक्षक व अभिभावक है। उनके पार्टी में शामिल होने से पूरे बिहार में पार्टी का जनाधार विशेषकर अतिपिछड़ा समुदाय में बढ़ेगा।

वहीं, अधिवक्ता बलराम साहु का कहना है कि श्री मंडल स्वयं में राजनीतिक विद्यालय है। राजद किसान प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष देवनारायण यादव का कहना है कि उनके पार्टी में शामिल होने का प्रभाव पूरे बिहार और 2025 के विधानसभा चुनाव पर पड़ेगा।