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दिल्ली
सरकारी महकमों में जनहित के कामों को लेकर निष्क्रियता कोई नई बात नहीं है। ताजा मामला आउटर रिंग रोड का है। इसके चार किलोमीटर के हिस्से की रोड बनाने में पीडब्ल्यूडी ने दो महीने से भी ज्यादा का समय लगा दिया। इसके बाद भी काम अधूरा है।
चार से पांच जगहों पर 50 से लेकर 100 मीटर तक के स्ट्रेच में गड्ढे और गिट्टियां जहां वाहनों की रफ्तार पर ब्रेक लगा रहे हैं, वहीं इनसे उड़ती धूल फेफड़ों को छलनी कर सेहत बिगाड़ रहे हैं। मिलिंग के बाद सड़क उधड़ी पड़ी है। कहीं जल बोर्ड की लाइन में लीकेज के कारण काम रुका है तो कहीं मशीन खराब होने से सड़क नहीं बन पा रही है।
20 दिन से सड़क उधड़ी पड़ी है सड़क
दरअसल, आउटर रिंग रोड पर पीडब्ल्यूडी ने मार्च के अंत में चिराग दिल्ली से मोदी मिल लेन पर सड़क बनाने की शुरुआत की। आधा-आधा किलोमीटर का स्ट्रेच लेकर काम किया जाने लगा। पहले सड़क की ऊपरी सतह उखाड़ी जाती यानी मिलिंग की जाती, फिर तारकोल और गिट्टी का मिक्चर बिछाया जाता यानी कार्पेटिंग की जाती।
मोदी मिल से चिराग दिल्ली जाने वाले मार्ग पर भी यही प्रक्रिया अपनाई गई। यानी चार किलोमीटर के इस हिस्से पर सड़क बनाने में पीडब्ल्यूडी को दो महीने से ज्यादा का समय लग गया। इसके बावजूद काम शत-प्रतिशत पूरा नहीं हो पाया है।
कालकाजी फ्लाईओवर के नीचे सर्विस लेन में 50 मीटर के हिस्से 20 दिन से सड़क उधड़ी पड़ी है। वहीं इससे आगे नेहरू प्लेस फ्लाईओवर से उतरते ही सीआर पार्क के नजदीक सड़क के किनारे छह फीट चौड़ाई में 100 मीटर तक सड़क इसी तरह छोड़ी गई है।
धूल उड़ने से परेशान हो रहे लोग
वहीं इससे आगे सावित्री सिनेमा फ्लाईओवर के नीचे जीके-टू जाने वाले मोड़ तक लगभग 200 मीटर सर्विस रोड की भी मिलिंग 10 दिनों पहले की गई। तीनों ही जगह पर उधड़ी सड़कों के चलते वाहनों की रफ्तार अचानक से घट रही है, जो जाम लगने का कारण भी बन रही है। वहीं लगातार धूल उड़ने से लोगों के स्वास्थ्य पर भी असर पड़ रहा है।
पीडब्ल्यूडी के एक अधिकारी के मुताबिक कालकाजी फ्लाईओवर के पास दिल्ली जल बोर्ड की लाइन में लीकेज है। इसकी मरम्मत कराने के लिए जल बोर्ड से पत्राचार किया जा रहा है। लाइन की मरम्मत के बाद ही सड़क बनाई जा सकेगी। यही समस्या नेहरू प्लेस फ्लाईओवर से आगे की रोड में भी है। यहां भी दिल्ली जल बोर्ड की लाइन में लीकेज के चलते किनारे की सड़क छोड़ी गई है।
वहीं सावित्री सिनेमा फ्लाईओवर के नीचे सर्विस लेन पर पांच दिन पहले वर्षा के चलते काम रोकना पड़ा। मौसम सही होने पर काम शुरू भी हुआ, पर मशीन में खराबी आ गई। इसके पार्ट बाहर से मंगाए गए हैं, जो शनिवार रात तक पहुंचने की संभावना है। मशीन बनने के बाद एक-दो दिन में यहां का बचा काम पूरा कर लिया जाएगा।