बुड्ढे नाले व सीवरेज में गोबर गिराने वाले डेयरी मालिकों पर 1 अगस्त से सख्ती बढ़ेगी। यह फैसला सोमवार को संत सीचेवाल की अगुवाई में आयोजित उच्चस्तरीय मीटिंग में हुआ। इस दौरान नगर निगम कमिश्नर आदित्य व विधायक भोला ग्रेवाल भी मौजूद थे। जिनके द्वारा पी.पी.सी.बी., सीवरेज बोर्ड, ड्रेनेज डिपार्टमैंट व ग्लाडा के अधिकारियों के साथ बुड्ढे नाले के प्रदूषण की समस्या को लेकर चर्चा की गई। संत सीचेवाल ने कहा कि लाख कोशिश के बाद भी बुड्ढे नाले व सीवरेज में गोबर गिरने की समस्या का समाधान नहीं हो रहा है। इससे कई 100 करोड़ खर्च करने के बावजूद बुड्ढे नाले को प्रदूषण मुक्त बनाने का टार्गेट पूरा न होने के साथ साथ ई.टी.पी. व एस.टी.पी. प्लांट के संचालन में दिक्कत आ रही है। इसके लिए जिम्मेदार बार-बार चेतावनी देने के बावजूद गोबर की डिस्पोजल का इंतजाम न करने वाले डेयरी मालिकों पर 1 अगस्त से सख्ती बढ़ाने का फैसला किया गया है। इसके तहत पर्यावरण नियमों के उल्लंघन के आरोप में भारी जुर्माना लगाया जाएगा। इस कार्रवाई के लिए बनाई गई टीम में संबंधित विभागों के साथ पुलिस अधिकारियों को भी शामिल किया गया है।
गोबर की लिफ्टिंग के लिए अवैध वसूली का हो चुका है खुलासा
बुड्ढे नाले व सीवरेज में गोबर गिराने वाले डेयरी मालिकों पर सख्ती बढ़ाने का फैसला उस समय लिया गया है, जब डेयरी काम्प्लैक्स में से गोबर की लिफ्टिंग के लिए अवैध वसूली का खुलासा हो चुका है। इस वसूली में से नगर निगम के एक बड़े नेता को हिस्सा मिल रहा है। यहां तक कि एक ऑफिसर का नाम लेकर वसूली करने की आडियो वायरल हो चुकी है, यह मुद्दा सीनियर डिप्टी मेयर राकेश पराशर द्वारा भी उठाया गया है कि किसकी मंजूरी से गोबर की लिफ्टिंग के लिए अवैध वसूली हो रही है। इस संबंध में कमिश्नर को लिखित शिकायत करने के बावजूद नगर निगम के ऑफिसर चुप्पी साधे हुए हैं, जिनके द्वारा यह कहकर मामले पर पर्दा डालने की कोशिश की जा रही है कि डेयरी मालिकों दुआरा गोबर की लिफ्टिंग के लिए अपने तौर पर ठेकेदार की नियुक्ति की गई है। जबकि चर्चा यह भी हो रही है कि बड़े नेता की हिस्सेदारी की वज़ह नगर निगम की मशीनरी दुआरा गोबर की लिफ्टिंग करने के बावजूद ठेकेदार द्वारा वसूली की जा रही है।