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नई दिल्ली
मानसून के दौरान दिल्ली में भारी जलभराव की वजह नालों की उचित सफाई न होना बताया जा रहा है। इस बीच, दिल्ली में मानसून के आगमन से पहले सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग ने राष्ट्रीय राजधानी के 77 प्रमुख नालों से करीब 14 लाख मीट्रिक टन गाद साफ कर दी है।
अधिकारियों के अनुसार, इन 77 प्रमुख नालों में करीब 22 लाख मीट्रिक टन गाद जमा होने का अनुमान है, जिसमें से 63 फीसदी यानी 14 लाख मीट्रिक टन की सफाई हो चुकी है। लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) ने 2,100 किलोमीटर लंबे बरसाती नालों में से करीब 800 किलोमीटर की सफाई पूरी कर ली है और बाकी काम प्रगति पर है।
इसके साथ ही सरकार ने कहा है कि 100 दिवसीय कार्ययोजना में सड़क मरम्मत के लिए चिह्नित 228 किलोमीटर सड़क लंबाई में से पीडब्ल्यूडी ने 29 मई तक 66 किलोमीटर का काम पूरा कर लिया है। दिल्ली सरकार के अधिकारी ने बताया कि मरम्मत कार्य में रीकार्पेटिंग, पैचवर्क, गड्ढों की मरम्मत और अन्य एजेंसियों द्वारा काटी गई सड़कों की बहाली शामिल है।
पीडब्ल्यूडी द्वारा मध्य मार्च से मध्य जून तक सड़क मरम्मत का काम किया जाता है और फिर मानसून के मौसम के कारण यह बंद हो जाता है। पीडब्ल्यूडी मंत्री प्रवेश वर्मा ने कहा है कि सड़क और पानी के क्षेत्र में सड़कों की समस्याओं को ठीक करने में कुछ समय लगेगा, लेकिन दिल्ली सरकार ने सत्ता में आने के बाद से शहर की बेहतरी के लिए काम किया है और कुछ उपलब्धियां हासिल की हैं।
कहा कि मानसून के बाद हम सड़क मरम्मत के दूसरे चरण को पूरा करने की योजना बना रहे हैं, जहां अन्य 250 किलोमीटर सड़कों की पहचान करके उनकी मरम्मत की जाएगी। उन्होंने कहा कि जल क्षेत्र में भी हमने जीपीएस लगे पानी के टैंकर शुरू करने और नए बोरवेल चालू करने जैसे कदम उठाए हैं।
दिल्ली में पीडब्ल्यूडी 1,400 किलोमीटर सड़कों का रखरखाव करता है, जो 60 फीट चौड़ी हैं। इन्हें एमसीडी से विभाग को हस्तांतरित किया गया था, जिसके पास इन सड़कों का स्वामित्व है। निवासियों ने अक्सर खराब गुणवत्ता वाली सड़कों और गड्ढों के बारे में शिकायत की है।
राष्ट्रीय राजधानी में यातायात पुलिस द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के आधार पर, राजधानी में कुल 445 जलभराव बिंदुओं की पहचान की गई है। इनमें से 335 प्वाइंट पीडब्ल्यूडी के जिम्मे आते हैं। शहर को 35 क्षेत्रों में बांटा गया है, जहां सफाई का काम चल रहा है और 31 मई तक सफाई का काम पूरा करने का लक्ष्य रखा गया था, लेकिन यह काम पूरा नहीं होने के कारण काम का समय 15 जून तक बढ़ा दिया गया है।