3.2kViews
1870
Shares
वाराणसी
केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय की सचिव सुश्री वी विद्यावती ने कहा कि वाराणसी किसी पहचान की मोहताज नहीं। यह सिर्फ शहर नहीं, बल्कि वैश्विक संस्कृति, कला, इतिहास व प्राचीन परंपराओं का गढ़ हैं। इसे और सजाने व संवारने की आवश्यकता है। एक विश्वस्तरीय पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करना है। ताकि धार्मिक एवं ऐतिहासिक महत्व को संरक्षित किया जा सके।
स्थानीय आर्थिक विकास को प्रोत्साहन मिल सके। वहीं प्रमुख सचिव पर्यटन मुकेश कुमार मेश्राम ने काशी में योगा सेंटर, वेलनेस सेंटर, नेचुरोपैथी चिकित्सा, आयुर्वेद चिकित्सा को प्रमुखता से बढ़ावा देने पर बल दिया। साथ ही सरकार के तरफ से आर्थिक मदद दिलाने आश्वासन भी दिया।
कहा कि काशी आने वाले पर्यटकों को बगल के जिले चंदौली के इको-पर्यटक स्थलों खासकर विंध्य क्षेत्र के पर्यटक स्थलों, मां विंध्यवासिनी, चुनार किला, सोनभद्र जिले के प्राचीन फ़ासिल पार्कों से भी जोड़ने की दिशा में कदम बढ़ाया जाए। ताकि पर्यटकों के काशी प्रवास को बढ़ावा मिल सके।
कमिश्नरी सभागार में शनिवार को आयोजित बैठक में केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय की सचिव ने कहा कि शुरुआत में 16 से 20 प्रमुख स्थानों का चयन किया गया, इसमें प्रमुख मंदिर, कनेक्टिविटी पॉइंट्स, घाट, सारनाथ आदि शामिल हैं।
घाटों का सुंदरीकरण और सफाई, बेहतर सड़क, बिजली और जल आपूर्ति व्यवस्था, पर्यटन स्थलों तक सुगम पहुंच के लिए परिवहन सुविधाएं, प्रसिद्ध घाटों का जीर्णोद्धार और सौंदर्यीकरण करके उन्हें और अधिक आकर्षक बनाया जाए। इससे आध्यात्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।
सुधार के दृष्टिगत काशी में अगले दो महीने में बदलाव दिखना चाहिए ताकि अंतरराष्ट्रीय तथा देशी पर्यटकों को अलग अनुभूति हो सके। जो भी बदलाव हो वो सतत होने के साथ दीर्घकालिक हो।
उन्होंने स्थानीय व्यवसाय हस्तशिल्प, बनारसी साड़ी, लकड़ी के खिलौनों का खूब प्रचार-प्रसार करने व स्थानीय कलाकारों, शिल्पकारों और गाइड्स को प्रशिक्षण तथा सुविधाएं बेहतर बनाने को कहा। पर्यटकों के लिए बेहतर आवास, परिवहन और अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराकर वाराणसी आने के लिए प्रोत्साहित करने की दिशा में कार्य करने की सलाह दी।
बनारस का मेला अर्थव्यस्था का बनेगा संबल
केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय की सचिव ने कहा कि काशी के विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम, मेला और त्योहार को खूब प्रसार हो। स्थानीय लोगों को पर्यटन से जुड़े व्यवसायों में शामिल करके, स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूत किया जा सकता है। यह अर्थव्यवस्था को धार देगा। आनलाइन प्लेटफार्म के माध्यम से वाराणसी को बढ़ावा देकर अधिक पर्यटकों को आकर्षित किया जा सकता है।
हटाए जाएं अनावश्यक होर्डिंग, पेंटिंग, केबल तार
शहर में लगे अनावश्यक होर्डिंग, पेंटिंग, फ्लेक्स तथा केबल तारों को व्यवस्थित किया जाए। विकास प्राधिकरण तथा नगर निगम को लगातार अभियान चलाए। शहर सुंदर दिखना चाहिए। प्रमुख स्थलों पर काशी की संस्कृति से जुड़े साइनेज लगे। ताकि पर्यटकों को सही जानकारियां मिल सके। नगर आयुक्त को शहर की साफ सफाई बेहतर कराने को निर्देशित किया।
ग्लोबल पर्यटन पर हुई मंथन
काशी को ग्लोबल पर्यटन के दृष्टिगत विकास के सभी सम्भव प्रयास पर चर्चा हुई। जिलाधिकारी सत्येंद्र कुमार ने घाटों की पौराणिकता को डिजिटल कन्टेन्ट आडियो फाइल में रिकार्ड करने को कहा ताकि नावों पर चढ़ने के दौरान पर्यटकों को पूरी जानकारी मिल सके। उन्होंने फूड आउटलेट के मानकीकृत करने की बात कही ताकि हाइजीन मेनटेन किया जा सके।
उन्होंने कल्चरल संध्या क्रिएट करने की बात भी कही। बैठक में मौजूद होटल व्यवसायियों, पर्यटन संगठनों वाराणसी में नाइट मार्केट विकसित करने, सिटी बसो की फ्रीक्वेंसी बढ़ाने, स्थायी त्योहारों को बढ़ावा देने, गंगा घाटों पर वाशरूम की संख्या बढ़ाने, आरती के समय भीड़ नियंत्रित करने, हैंडलूम स्थानों पर लोगों को भ्रमण कराने, सोनभद्र, मीरजापुर और चंदौली के पुरातत्व स्थलों को चिह्नित कर एक ओपन म्यूजियम बनाने, अंतराष्ट्रीय स्तर का क्रूजिंग सेवा उपलब्ध कराए जाने, वाहन चालकों और टूरिस्ट गाइड को ट्रेनिंग देने सहित अन्य मुद्दों पर चर्चा की।
होटल व्यवसायियों और टूरिस्ट गाइड संगठनों ने अपने विचार व्यक्त किए और महत्वपूर्ण सुझाव दिए। बैठक की शुरुआत में मंडलायुक्त एस राजलिंगम ने केंद्रीय पर्यटन सचिव को तथा जिलाधिकारी ने उत्तर प्रदेश सरकार में प्रमुख सचिव पर्यटन एवं संस्कृति मुकेश कुमार मेश्राम को बुके देकर स्वागत किया। साथ ही काशी से संबंधित प्रमुख जानकारियां रखी। बैठक में नगर आयुक्त अक्षत वर्मा, मुख्य विकास अधिकारी हिमांशु नागपाल, वीडीए सचिव डा.वीपी मिश्रा समेत सभी विभागीय अधिकारी मौजूद रहे।