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वाराणसी
देश के कई क्षेत्रों मेंं तेजी से दौड़ रहे मानसून के बीच बंगाल की खाड़ी से चल रही पुरवाई व अरब सगर से चली पछुआ के मेल से प्रदेश के कई स्थानों पर भी वर्षा हो रही है। गुरुवार को हुई बूंदाबांदी के बाद शुक्रवार को प्रयागराज के बाद बनारस और बांदा प्रदेश में दूसरे स्थान पर सबसे गर्म स्थान बने रहे। बावजूद इसके वातावरण में भरपूर नमी और तीखी धूप के मेल से वर्षा या बूंदाबांदी की संभावना बनी हुई है।
बीएचयू के मौसम विज्ञानी प्रो. मनोज कुमार श्रीवास्तव कहते हैं कि जिस तरह का वातावरण बना हुआ है, विपरीत हवाएं चल रही हैं और भरपूर नमी के बीच तीखी धूप उमस भरी गर्मी बढ़ा रही है, उससे आने वाले समय में कभी भी वर्षा की संभावना बनी हुई है।
उन्होंने कहा कि हालांकि वर्षा के लिए सतह के करीब कुछ ऊंचाई तक बनी नमी को ऊपर उठना होगा, इसके लिए कड़क धूप और गर्मी जरूरी होगी। यदि तेज धूप हुई तो दोपहर के बाद किसी भी दिन वर्षा हो सकती है। इस बीच पुरवा के प्रभाव और एक दिन पूर्व हुई बूंदाबांदी से शुक्रवार को तापमान में थोड़ी कमी दर्ज की गई।
अधिकतम तापमान 0.9 डिग्री नीचे आकर सामान्य से 0.6 डिग्री सेल्सियस अधिक 41 डिग्री सेल्सियस रहा। न्यूूूूनतम तापमान में 1.6 डिग्री की कमी आई और यह सामान्य से दो डिग्री अधिक 28.4 डिग्री सेल्सियस रहा। आर्द्रता 72 से 47 प्रतिशत के बीच बनी रही।
बाबतपुर क्षेत्र में अधिकतम तापमान सामान्य से 0.9 डिग्री नीचे 39.8 डिग्री सेल्सियस रहा। न्यूूनतम तापमान बीते 24 घंटे में 2.3 डिग्री नीचे आया और सामान्य से 1.3 डिग्री अधिक 27.7 डिग्री सेल्सियस बना रहा।
दिख रहे मानसून ब्रेक के लक्षण
काफी तेजी से देश के विभिन्न भागों में फैल रहे मानसून की गति पर ब्रेक लग सकता है और एक-दाे दिन में मानसून ब्रेक की स्थिति बन सकती है। बीएचयू के मौसम विज्ञानी प्रो. मनोज कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि ओडिशा के भुवनेश्वर पोस्ट के पास बंगाल की खाड़ी में बना निम्न वायुदाब, उत्तरी बंगाल तक पहुुंचे मानसून की आर्द्रता को खींच सकता है। इससे मानसून की गति में थोड़ी मंदी आई है, निम्न वायुदाब का क्षेत्र यदि और मजबूूत हुआ तो दो-एक दिन में मानसून ब्रेक की स्थिति भी बन सकती है।