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गोरखपुर
एयरपोर्ट पर विमान संचालन को लेकर बड़ी तकनीकी उपलब्धि हासिल हुई है। अब बादल, कोहरा या बारिश विमान के उड़ान में बाधा नहीं बनेंगे। भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) की संचार टीम ने अत्याधुनिक दिशा-संकेत प्रणाली डाप्लर वीएचएफ ओम्नी रेंज (डीवीओआर) और दूरी मापन यंत्र (डीएमई) की सफल स्थापना की है। इस प्रणाली के सक्रिय होने से विमान हर मौसम में बिना किसी रुकावट के उड़ान भर सकेंगे।
संचार विभाग के सहायक महाप्रबंधक विजय कौशल ने बताया कि यह दिशा-संकेत प्रणाली न केवल विमान संचालन को सुगम बनाएगी, बल्कि हवाई अड्डे की क्षमता को भी भविष्य के बढ़ते यातायात के अनुसार मजबूत करेगी।
उन्होंने बताया कि उपकरणों की स्थापना के लिए पर्यावरणीय स्वीकृति, सुरक्षा मानकों और विभिन्न विभागों के साथ समन्वय जैसी कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा, लेकिन टीम ने दिन-रात मेहनत कर समय पर कार्य को पूरा किया।
इस उपलब्धि के लिए भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण के क्षेत्रीय मुख्यालय, नई दिल्ली की ओर से संचार विभाग की टीम को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। क्षेत्रीय उप महाप्रबंधक संचार बृजेश कुमार लूथरा ने गोरखपुर पहुंचकर हवाई अड्डा निदेशक आर.के. पाराशर के हाथों टीम के सदस्यों को यह सम्मान पत्र दिलवाया।
यात्रियों को लेटलतीफी से मिलेगी राहत
एयरपोर्ट निदेशक आर.के. पाराशर ने कहा कि यह उपलब्धि केवल गोरखपुर के लिए नहीं, बल्कि पूरे भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण के लिए एक प्रेरणादायक उदाहरण है।अब गोरखपुर एयरपोर्ट हर मौसम में विमान संचालन के लिए पूरी तरह सक्षम है। यात्रियों को उड़ान में देरी और रद होने जैसी समस्या से राहत मिलेगी और आने वाले दिनों में हवाई सेवाओं में और विस्तार की संभावना बढ़ेगी।