राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सदस्य कृष्ण वत्स ने कहा कि देश में “एक अच्छी तरह से स्थापित शैक्षणिक या तकनीकी केंद्र… ऐसे लोगों का समूह नहीं है जो जिलों और शहरों को गर्मी से निपटने के लिए कार्ययोजना तैयार करने में मदद कर सकें”।
उन्होंने कहा, “हमारे पास सभी ज्ञान और विशेषज्ञता का प्रसार करने के लिए एक निर्दिष्ट, उचित उत्कृष्टता केंद्र भी नहीं है।” उन्होंने कहा कि यदि हीट एक्शन प्लान का कार्य केवल अधिकारियों पर छोड़ दिया जाए तो यह बहुत सफल नहीं होगा। इसमें अधिक सहायता और तकनीकी प्रशिक्षण की आवश्यकता होगी।
इस दौरान शुष्क लू और उमस भरी लू के लिए भी अलग अलग प्लान बनाने की मांग उठी। मौसम विभाग के महा -निदेशक डा मृत्युंजय महापात्रा ने बताया कि आम जन की जरूरत के हिसाब से समय- समय पर पूर्वानुमान को लेकर बदलाव किया जाता रहता है।