गुल से जुड़े लिंक और संचार का हुआ खुलासा
एनआइए ने अप्रैल, 2022 में उसे आतंकी घोषित किया था और उस पर 10 लाख रुपये का इनाम रखा था। अधिकारी ने कहा कि 22 अप्रैल को पहलगाम हमले की जांच के दौरान गुल से जुड़े लिंक और कुछ संचार का पता चला है। इस हमले की जिम्मेदारी टीआरएफ ने ली थी।
2002 में पांच किलो आरडीएक्स के साथ पकड़ा गया था गुल
आतंकी समूह के ओवरग्राउंड वर्कर के रूप में अपने काम के दौरान गुल को 2002 में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन से पांच किलोग्राम आरडीएक्स के साथ पकड़ा था। वह दिल्ली में सिलसिलेवार विस्फोट की साजिश रच रहा था, जिसके लिए उसे 10 वर्ष कैद की सजा सुनाई गई थी।
2017 में गया था पाकिस्तान
2017 में जेल से रिहा होने के बाद वह पाकिस्तान चला गया था, जहां आइएसएआई ने 2019 में उसका चयन कश्मीर में टीआरएफ का नेतृत्व करने के लिए किया। उसका भाई श्रीनगर के श्री महाराजा हरि सिंह अस्पताल में डाक्टर था और पिछली सदी के आखिरी दशक में आतंकी था। पहले वह सऊदी अरब गया और बाद में पाकिस्तान चला गया, जहां अब वह खाड़ी देशों में भगोड़ों के साथ आतंकी वित्तपोषण में शामिल है।