पर्यटकों की संख्या में रिकॉर्ड बढ़ोतरी
टिकट बिक्री से होने वाले राजस्व में गिरावट
घरेलू पर्यटकों की संख्या में वृद्धि लेकिन विदेशी आगंतुकों संख्या में कमी
घरेलू पर्यटकों की संख्या में वृद्धि और विदेशी आगंतुकों की तादाद में कमी कोरोना-पूर्व काल की तुलना में कुल पर्यटक संख्या में इजाफे के बावजूद टिकट ब्रिकी से राजस्व में गिरावट की मुख्य वजह है, क्योंकि विदेशी आगंतुकों से अधिक टिकट शुल्क वसूला जाता है। यह रुझान राष्ट्रीय तस्वीर को बयां करता है।
आंकड़ों के अनुसार, देश में 2023-24 में राष्ट्रीय स्तर पर विदेशी पर्यटकों का आगमन (एफटीए) 2019-20 के स्तर के मुकाबले लगभग 87 प्रतिशत (95.2 लाख) रहा।
एक समस्या ये भी है
आंकड़ों के अनुसार, राष्ट्रीय स्तर पर पर्यटन से होने वाली कुल विदेशी मुद्रा आय (एफईई) 2023-24 में 28.08 अरब अमेरिकी डॉलर रही, जो 2019 में रिकार्ड 30.72 अरब अमेरिकी डॉलर एफईई से कम है।
संयुक्त राष्ट्र की ओर से विकसित लेखांकन ढांचे टूरिज्म सैटेलाइट अकाउंट के आंकड़ों के अनुसार, पर्यटन क्षेत्र अर्थव्यवस्था में एक महत्वपूर्ण योगदानकर्ता बना हुआ है। इसकी सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में कुल (प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष) हिस्सेदारी पांच प्रतिशत होने का अनुमान है।
ताज महल में पर्यटकों की संख्या में 31.27 प्रतिशत की वृद्धिएएसआइ के आंकड़ों के अनुसार, ताज महल में पर्यटकों की संख्या में 31.27 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जबकि टिकट बिक्री से राजस्व महज 1.48 प्रतिशत बढ़ा।
कुतुब मीनार में पर्यटकों की संख्या में 45.1 प्रतिशत
वहीं, कुतुब मीनार में पर्यटकों की संख्या में 45.1 प्रतिशत, जबकि टिकट बिक्री से राजस्व में 18 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई। इसके विपरीत हुमायूं के मकबरे पर पर्यटकों की संख्या में 16.6 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जबकि राजस्व में 29.8 प्रतिशत की गिरावट आई।
रिपोर्ट के अनुसार, 2023-24 में कोणार्क सूर्य मंदिर (32 लाख) और कुतुब मीनार (31.2 लाख) घरेलू पर्यटकों के बीच दूसरे और तीसरे सबसे लोकप्रिय पर्यटन स्थल रहे, जबकि विदेशी पर्यटकों की बात करें तो कुतुब मीनार (2.2 लाख) और आगरा किला (2.18 लाख) घूमने-फिरने के लिए उनके बीच दूसरे और तीसरे सबसे पसंदीदा स्थल साबित हुए।
ताज महल से सबसे अधिक कमाती है सरकार
एएसआई के आंकड़ों के अनुसार, 2023-24 में इन स्थलों में सबसे अधिक राजस्व अर्जित करने वालों में ताज महल (98.55 करोड़ रुपये), कुतुब मीनार (23.80 करोड़ रुपये), लाल किला (18.09 करोड़ रुपये), आगरा किला (15.27 करोड़ रुपये) और कोणार्क सूर्य मंदिर (12.66 करोड़ रुपये) शामिल हैं।