अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (USGS) के मुताबिक, भूकंप का केंद्र म्यांमार के मांडले शहर में था। यह भूकंप दोपहर के समय 10 किलोमीटर की गहराई में आया था। म्यांमार के स्थानीय अधिकारियों के अनुसार, मरने वालों की संख्या अब तक 1600 हो चुकी है। वहीं USGS ने अनुमान लगाया है कि मरने वालों की संख्या 10 हजार से ज्यादा हो सकती है।
भारत ने भेजी मदद
भारत ने म्यांमार में भूकंप से प्रभावित हुए लोगों की मदद के लिए मेडिकल यूनिट और बचाव दल भेजा है। भारत द्वारा कंबल, तिरपाल, हाइजीन किट, स्लीपिंग बैग, सोलर लैंप, खाने के पैकेट और किचन सेट जैसी आवश्यक सामग्री भेजी गई है।
भारतीय विदेश मंत्रालय (MEA) के अनुसार, ‘ऑपरेशन ब्रह्मा’ के तहत दो C-17 विमान भेजे गए हैं जिनमें 118 सदस्यीय भारतीय सेना की चिकित्सा टीम, महिलाओं और बच्चों की देखभाल सेवा और 60 टन राहत सामग्री शामिल थी। यह विमान शनिवार को म्यांमार पहुंचा।
राहत सामग्री और चिकित्सा सहायता भेजी गई
MEA प्रवक्ता रंधीर जयस्वाल ने कहा कि अब तक भारत से म्यांमार तक राहत सामग्री के पांच विमान पहुंच चुके हैं। इसके साथ ही, भारतीय नौसेना के दो जहाज INS सतपुरा और INS सवित्री 40 टन मानवतावादी सहायता लेकर यांगून के बंदरगाह पर पहुंच चुके हैं। साथ ही 118 सदस्यीय एक फील्ड अस्पताल को आगरा से म्यांमार भेजने की तैयारी की गई है।
चीन ने भी मदद को बढ़ाया हाथ
भारत के अलावा चीन ने भी म्यांमार की मदद के लिए हाथ आगे बढ़ाया है। चीन के चुन्नान प्रांत से 37 सदस्यीय दल म्यांमार की राजधानी यांगून पहुंच चुका है। चीन द्वारा भेजा गया दल भूकंप पूर्व चेतावनी प्रणाली और ड्रोन जैसी सुविधाओं के साथ राहत एवं चिकित्सा सहायता प्रदान कर रहा है।
म्यांमार की सैन्य सरकार का बयान
एक समाचार एजेंसी के अनुसार, म्यांमार की सैन्य सरकार के प्रमुख ने 1644 से अधिक मौतों की पुष्टि की है। विनाशकारी भूकंप के कारण कई शहरों की सड़कें, पुल और अन्य पब्लिक अवसंरचनाएं बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई है।