ज्यादा चमकीली दाल तो जरूर परख लें
मिलावटी दाल बेचने के लिए इसे रंग से रंगना आम बात हो गई है। चना की दाल को रंगकर चमकीला बनाया जा रहा है। उड़द की दाल को काले रंग से रंग कर बेचा जा रहा है। अरहर की दाल में खेसारी मिला दी जा रही है।
ऐसे पहचानें मिलावटी दाल
- दाल की चमक जरूरत से ज्यादा हो तो इसे रंगा गया है।
- अरहर की दाल में यदि छिलका लगा हो तो यह सबसे शुद्ध मानी जाती है, इसका रंग भी हल्का होता है।
- दाल को पानी में डालने पर रंग छोड़ने लगे तो जान जाएं कि रंग मिलाया गया है।
खेसारी दाल के नुकसान
न्यूरोलाजिकल दिक्कत होती है, शरीर के निचले हिस्से में लकवा और रीढ़ की हड्डी में सुन्नता आ सकती है, ज्यादा सेवन से पक्षघात और गठिया रोग भी हो सकता है।
आठ नमूने हो चुके हैं फेल
वर्तमान वित्तीय वर्ष में खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन की टीम ने दाल के 47 नमूने लिए थे। इनमें से 25 नमूने अधोमानक और आठ नमूने असुरक्षित मिले। यानी इनका इस्तेमाल मानव स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है।
अब तक फेल हुए सभी पदार्थों के नमूने में सबसे ज्यादा संख्या दाल की है। इसे देखकर अधिकारी भी चिंतित हैं। वह लोगों को जागरूक करने में जुटे हैं। जगह-जगह जांच वाली वैन भेजकर लोगों को खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता की निश्शुल्क जांच का भी अनुरोध कर रहे हैं।