खबर से पहले मुख्य सवाल:
- क्या सिंगरौली में कंपनियों के लिए अलग बना है कानून?
- क्या MP के CM का महिला सशक्तिकरण का दवा खोखला?
- सिक्कल कंपनी के रंजीत के विरुद्ध महिला के शिकायत पर भी क्यों नहीं हुई FIR?
- क्या कंपनियों के इशारे पर कार्य कर रहा जिला प्रशासन?
सिंगरौली।मध्य प्रदेश का सिंगरौली जिले के निगाही परियोजना में ओबी काम कर रही सिक्कल कंपनी एवं कंडोइ कंपनी का बेंचर्स इन दिनों सुर्खियों में बना हुआ है। आरोप है कि सिक्कल कंपनी के प्रबंधक रंजीत सिंह ने महिला के साथ दुष्व्यवहार एवं गाली गलोज किया है? पीड़ित महिला थाने से लेकर पुलिस अधीक्षक कार्यालय तक का चक्कर लगा रही है। लेकिन पुलिस या प्रशासन की क्या मजाल है कि उक्त कंपनी के मुलाजिम पर महिला के शिकायत के बाद भी FIR दर्ज कर सके?
एक ओर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव तमाम तरह के महिला सशक्तिकरण के दावे करते हैं पुलिस मुख्यालय ने भी यह निर्देश दिया था कि महिलाओं के शिकायत पर पुलिस प्रशासन बिना देर किए जांच शुरू कर FIR दर्ज करें और आरोपी की जल्द से जल्द गिरफ्तारी करे। मगर मध्यप्रदेश के सिंगरौली जिले का यह मामला ठंडा बस्ते में पड़ा हुआ है और पीड़ित महिला दर-दर ठोकर खाने को मजबूर है।
यह समझ पाना थोड़ा मुश्किल है कि आखिर उक्त कंपनी प्रबंधक रंजीत सिंह को किसका सह मिला हुआ है? जिस वजह से उक्त कंपनी के उक्त व्यक्ति के खिलाफ पुलिस एफआईआर दर्ज करने से पीछे हट रही है।
आम लोगों और कंपनी के लिए अलग़- अलग कानून?
पिछले कई दिनों से पीड़ित महिला थाने से लेकर पुलिस अधीक्षक कार्यालय एवं अन्य कार्यालय का चक्कर काट रही है। लेकिन महिला के शिकायत के बावजूद भी सिंगरौली जिले का प्रशासन उक्त कंपनी के मुलाजिम पर किसी भी प्रकार की कार्रवाई करने से पीछे हट रहा है? जिसके बाद क्षेत्र के लोगों में यह चर्चा आम होने लगी है कि आम लोगों के लिए कानून और कंपनी के लिए कोई भी कानून नहीं है क्या? आखिर ऐसा क्यों?
क्या रंजीत सिंह पर होगा FIR?
सूत्र बताते हैं कि उक्त व्यक्ति ने जिला प्रशासन के हर टेबल पर अपनी गोटी सेट कर रखी है और इसी गोटी की बदौलत इतनी गंभीर मामले में भी स्थानीय पुलिस सहित जिले के तमाम कार्यालय एवं अधिकारी उक्त व्यक्ति पर आशीर्वाद बनाए हुए हैं जिस वजह से ऐसा लगता है कि उक्त व्यक्ति के ऊपर FIR दर्ज नहीं होगा?
क्या महिला सशक्तिकरण के दावे खोखले?
उक्त मामले को देखने के बाद यहां अंदाजा लगाया जा सकता है कि सिंगरौली जिले में महिला सशक्तिकरण का दावा कितना सही है? यहां एक महिला शिकायत लेकर लगातार थाना सहित वरिष्ठ अधिकारियों के कार्यालय के चक्कर लगा रही है लेकिन महिला के शिकायत के बावजूद भी उक्त रंजीत नामक व्यक्ति को अधिकारियों के द्वारा अभय दान दे दिया गया है? क्या मध्यप्रदेश के सिंगरौली जिले में महिला सशक्तिकरण का नारा फ्लॉप हो रहा है? या महिला सशक्तिकरण मध्य प्रदेश सरकार का एक ढोंग है?
अगले अंक में वीडियो रिपोर्ट…