पीएम मोदी 2 से 8 अक्तूबर 1998 के बीच मॉरिशस के मोका में अंतरराष्ट्रीय रामायण काॅन्फ्रेंस में हिस्सा ले रहे थे। उन्होंने तब वहां अपने वक्तव्य में भगवान श्रीराम के सार्वभौमिक मूल्यों के बारे में बात की और बताया कि कैसे रामायण भारत और मॉरिशस को एक शाश्वत सभ्यतागत रूप से जोड़ने वाले सेतु के रूप में काम करती है। उस यात्रा में मुरली मनोहर जोशी से भी उनकी मुलाकात हुई थी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की माॅरिशस यात्रा को कारोबारी व रणनीतिक कारणों से महत्वपूर्ण माना जा रहा है। पीएम मोदी ने सोशल मीडिया पर कुछ पुरानी तस्वीरें साझा कर अपनी 27 साल पहले मॉरिशस यात्रा की यादें साझा की हैं। पीएम मोदी तब भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव हुआ करते थे और पार्टी की ओर से अंतरराष्ट्रीय रामायण सम्मेलन में हिस्सा लेने मॉरीशस के मोका गए थे।
भारत में विदेशी निवेश का दूसरा सबसे बड़ा स्रोत मॉरीशस
मॉरीशस में 12 मार्च को राष्ट्रीय दिवस मनाया जाता है। भारत और मॉरीशस के बीच समुद्री सुरक्षा, विकास, क्षमता निर्माण में करीबी सहयोग है और लोगों के आपसी संबंधों काफी मजबूत हैं। यह नजदीकी खासकर उन विकास परियोजनाओं में दिखती है, जो भारत की मदद से मॉरीशस में बनाई गई हैं। भारत मॉरीशस का एक प्रमुख व्यापारिक भागीदार है। 2023-24 में मॉरीशस, सिंगापुर के बाद भारत में विदेशी निवेश का दूसरा सबसे बड़ा स्रोत है।
दोनों देशों ने फरवरी 2021 में एक व्यापक आर्थिक सहयोग और साझेदारी समझौते (सीईसीपीए) पर हस्ताक्षर किए थे, जो दोनों देशों के बीच 15 वर्षों की वार्ता के बाद हुआ था। यह भारत और किसी अफ्रीकी देशे के बीच पहला व्यापारिक समझौता था।