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लखनऊ
उत्तर प्रदेश में अभी तक सरकारी क्रय केंद्रों पर 1,43,709 लाख टन गेंहू की खरीद की जा चुकी है। सरकार ने खराब मौसम के मद्देनजर अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि गेंहू को खुले में रखने की बजाय गोदाम में सुरक्षित रखा जाए।
गेंहू विक्रय को लेकर अभी तक प्रदेश में 3.67 लाख किसानों का पंजीकरण किया जा चुका है। पंजीकृत किसान बिना सत्यापन के क्रय केंद्रों पर 100 कुंतल तक गेंहू बेच सकते हैं।
प्रदेश में 5,784 क्रय केंद्रों के जरिए गेहूं की खरीद की जा रही है। 27,388 किसानों से गेंहू की खरीद की जा चुकी है।
तीन लाख से ज्यादा किसानों ने करा लिया है पंजीकरण
विभिन्न क्रय केंद्रों पर 10 अप्रैल को दोपहर 12 बजे तक गेहूं खरीद के लिए 3,67,875 किसानों ने पंजीकरण करा लिया है। सरकार के निर्देश पर अधिकारियों ने गेंहू की कटाई से पहले ही गांव-गांव जाकर किसानों को खरीद के बारे में जागरूक किया था।
पहली बार खाद्य व रसद विभाग मोबाइल क्रय केंद्रों के माध्यम से किसान के खेतों से ही गेंहूू की खरीद कर रहा है। इससे किसानों को ढुलाई के लिए परेशान नहीं होना पड़ रहा है और उन्हें 48 घंटों के अंदर गेंहू की कीमत भी मिल रही है।
इस बार गेहूं का 2425 रुपये रखा गया मूल्य
इस बार गेंहू की खरीद के लिए 2,425 रुपये समर्थन मूल्य निर्धारित किया गया है। इसके साथ ही किसानों को गेहूं की उतराई, छनाई व सफाई के लिए 20 रुपये प्रति कुंतल अतिरिक्त दिए जा रहे। सरकार ने बीते आठ वर्षों में लगभग 50 लाख किसानों को 43,424.44 करोड़ रुपये का सीधा भुगतान कर बिचौलिया राज को समाप्त किया है।
सपा सरकार के शासनकाल में पांच वर्षों में 19,02,098 किसानों को 12,808.67 करोड़ रुपये ही भुगतान किया गया था। सरकार ने किसानों को परेशानी से निजात के लिए टोल फ्री नंबर 18001800150 भी जारी किया है। वहीं किसानों को खाद्य व रसद विभाग के पोर्टल fcs.up.gov.in या मोबाइल ऐप UP KISHAN MITRA पर पंजीकरण व नवीनीकरण की सुविधा उपलब्ध कराई गई है।