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कानपुर
आयुध फैक्ट्री कानपुर (ओएफसी), अरमापुर में 77 दिन तक पाकिस्तानी एजेंट नेहा शर्मा के संपर्क में रहकर गोपनीय सूचनाएं भेजने वाले जूनियर वर्क्स मैनेजर (जेडब्ल्यूएम) को निलंबित कर दिया गया है।
शुक्रवार को रक्षा समन्वय निदेशालय, कोलकाता से विकास को निलंबित किए जाने के आदेश होने की चर्चाएं रहीं। हालांकि, शाम होने तक ओएफसी के वरिष्ठ अधिकारी ने निलंबन प्रक्रिया पूरी किए जाने के संकेत दिए। उन्होंने बताया कि सेवा नियमावली में स्पष्ट है कि यदि कोई सरकारी कर्मचारी 24 घंटे तक हिरासत में रहता है तो उसे तुरंत निलंबित किया जाता है। अगर उसे सजा हो जाती है तो उसे फौरन बर्खास्त कर दिया जाता है।
इसके अलावा विकास के प्रकरण में आंतरिक स्तर पर भी जांच का दायरा बढ़ाया गया है। वहीं, आयुध निर्माणी की सुरक्षा में सेंध लगाने का प्रकरण सामने आने के तीन दिन बाद तक चुप्पी साधे रहे।
ओएफसी के जेडब्ल्यूएम कुमार विकास को पाकिस्तानी एजेंट नेहा शर्मा के संपर्क में आकर गोले, बैरल, कर्मचारियों की उपस्थिति रजिस्टर सहित गोपनीय दस्तावेज भेजे थे। एटीएस, यूपी को इसका पता चलने पर शहर से विकास को पकड़ा था।
प्रकरण सामने आने के बाद आयुध फैक्ट्री की सुरक्षा की पोल खुल गई। अब अफसरों ने आयुध निर्माणियों की सुरक्षा बढ़ाई है और ड्यूटी के दौरान कर्मचारियों को स्मार्टफोन न रखने की हिदायत दी गई है।
बता दें कि ओएफसी, अरमापुर में वित्तीय वर्ष के अंत में सेना व दूसरे देशों से मिले आर्डर को पूरा करने के लिए उत्पादन बढ़ाने पर जोर है। यहां आर्टिलरी टैंक में लगने वाले गोले और सारंग, धनुष सहित अन्य टैंक के बैरल बनाने का काम चल रहा है।
आयुध निर्माणी में तैनात जूनियर वर्क्स मैनेजर कुमार विकास सुरक्षातंत्र को चकमा देते हुए तोप के गोलों के हार्डवेयर के उत्पादन, कर्मचारियों की उपस्थिति, सारंग व धनुष सहित अन्य टैंकों की बैरल के फोटो पाकिस्तानी एजेंट तक आसानी से पहुंचाता रहा।
उसके शांत और मिलनसार स्वभाव की वजह से कोई उसकी संदिग्ध गतिविधियों को भांप नहीं सका। सुरक्षा में सेंध लगने की भनक आयुध निर्माणी के सूचना प्रौद्योगिकी सिस्टम को संभालने वाले जिम्मेदारों को नहीं हो सकी। यह बड़ी लापरवाही है। ओएफसी की कंपनी एंडवास वेपन्स एंड इक्विपमेंट इंडिया लिमिटेड के सीएमडी एके मौर्या ने मीटिंग में होने का हवाला दिया।