प्रकरण सामने आने के बाद आयुध फैक्ट्री की सुरक्षा की पोल खुल गई। अब अफसरों ने आयुध निर्माणियों की सुरक्षा बढ़ाई है और ड्यूटी के दौरान कर्मचारियों को स्मार्टफोन न रखने की हिदायत दी गई है।

बता दें कि ओएफसी, अरमापुर में वित्तीय वर्ष के अंत में सेना व दूसरे देशों से मिले आर्डर को पूरा करने के लिए उत्पादन बढ़ाने पर जोर है। यहां आर्टिलरी टैंक में लगने वाले गोले और सारंग, धनुष सहित अन्य टैंक के बैरल बनाने का काम चल रहा है।

आयुध निर्माणी में तैनात जूनियर वर्क्स मैनेजर कुमार विकास सुरक्षातंत्र को चकमा देते हुए तोप के गोलों के हार्डवेयर के उत्पादन, कर्मचारियों की उपस्थिति, सारंग व धनुष सहित अन्य टैंकों की बैरल के फोटो पाकिस्तानी एजेंट तक आसानी से पहुंचाता रहा।
उसके शांत और मिलनसार स्वभाव की वजह से कोई उसकी संदिग्ध गतिविधियों को भांप नहीं सका। सुरक्षा में सेंध लगने की भनक आयुध निर्माणी के सूचना प्रौद्योगिकी सिस्टम को संभालने वाले जिम्मेदारों को नहीं हो सकी। यह बड़ी लापरवाही है। ओएफसी की कंपनी एंडवास वेपन्स एंड इक्विपमेंट इंडिया लिमिटेड के सीएमडी एके मौर्या ने मीटिंग में होने का हवाला दिया।