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मध्यप्रदेश
इंदौर में मछली व्यवसायी राजू उर्फ कालू गौड़ सुबह 10.30 बजे स्कूटर से डमरू उस्ताद चौराहे से सफेद मंदिर की ओर जा रहा था। तभी बच्चों ने उस पर रंग फेंका तो कालू गाड़ी रोककर बच्चों को समझाने लगा। इसके बाद वकील अरविंद जैन पास आए, तो कालू ने कहा कि बच्चों को समझा लो, वरना कोई गाड़ी से गिर भी सकता है।
क्या है मामला?
कालू ने बताया, इसके बाद अरविंद जैन भड़क गए और गालियां देने लगे। अपने बेटे अपूर्व और अर्पित को भी बुला लिया। कालू फिर डमरू चौराहे पर खड़े पुलिसकर्मी के पास पहुंचा और घटना की जानकारी दी। आरोप है कि पुलिसकर्मी जानकारी लेने पहुंचे ही थे, तभी अरविंद जैन, अपूर्व जैन और अर्पित जैन ने कालू की पिटाई शुरू कर दी। पुलिस से भी अभद्रता करने का आरोप है।
इसके बाद तीनों पिता-पुत्रों पर सीसीटीवी फुटेज और मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर कायमी की गई। इसके विरोध में वकीलों ने इंदौर में हाई कोर्ट के सामने रास्ता जाम कर दिया था।
वकील अरविंद जैन ने आरोप लगाया कि, कालू कबाड़ी का धंधा करता है और उसकी पुलिस के साथ सांठगांठ है और पुलिसकर्मियों की उसकी दुकान पर बैठक भी है। वकील का आरोप है कि, पुलिस ने अधूरे फुटेज पेश किए हैं। उन्होंने कहा, कालू के एक इशारे पर पुलिसकर्मी घटनास्थल पर पहुंच गए, जबकि आम लोग कॉल करके थक जाते हैं।
अफसरों ने पुलिसकर्मियों को किया निलंबित
हालांकि, वकीलों की मांग पर अफसरों ने पुलिसकर्मियों को निलंबित करने की घोषणा की है। परदेशीपुरा पुलिस के मुताबिक, कुलकर्णी नगर निवासी राजू उर्फ कालू गौड़ से आरोपित अरविंद जैन, अपूर्व जैन और अर्पित जैन का विवाद हुआ था।
वकीलों ने आरोप लगाया कि परिचय देने के बावजूद भी पुलिस ने वकीलों से अभद्रता की और बेरहमी से पिटाई करने के बाद थाने में बैठा लिया। 61 वर्षीय अरविंद जैन के मुताबिक, वो परदेशीपुरा व इंदौर जैन समाज के अध्यक्ष भी हैं। उन्होंने कहा, पुलिस को दोनों पक्षों की बात सुननी चाहिए थी। बता दें, इस घटना के बाद जिला और हाई कोर्ट के वकीलों के साथ जैन समाज के पदाधिकारी भी परदेशीपुरा थाने में विरोध प्रदर्शन करने पहुंचे थे।
वकील का आरोप- हाथ हुआ फ्रैक्चर
अरविंद जैन ने एसीपी नरेंद्र रावत से चर्चा के दौरान मांग की, मारपीट करने वाले पुलिसकर्मी शोभाराम जाट, दीपक जामोद, देवेंद्र सिंह, संतोष तिवारी, अनूप तिवारी, भूपेंद्र भदौरिया और भाटी के खिलाफ केस दर्ज हो। उन्होंने कहा कि पुलिस की पिटाई से उनके हाथ और पैर में फ्रैक्चर हुआ है।
इसके बाद वकील हाई कोर्ट के सामने रास्ता जाम करने लगे। अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त जोन-2 अमरेंद्र सिंह ने चर्चा के दौरान दोषी पुलिसकर्मियों को निलंबित करने का आश्वासन दिया है। एडीसीपी ने कहा कि मामले की निष्पक्ष जांच की जाएगी।
बता दें, हाई कोर्ट के सामने धरना प्रदर्शन प्रतिबंधित है। जब वहां जाम की सूचना मिली तो टीआई जितेंद्र यादव मौके पर पहुंचे थे। इसके बाद वकीलों ने उन्हें घेर लिया और शराब के नशे में होने का आरोप लगा। टीआई घबरा गए और फिर साथी पुलिसकर्मियों ने उन्हें घेरा बनाकर वहां से निकाला। इस दौरान वो गिर पड़े।
टीआई ने एक अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज कराया
आरोपी है कि उनके कंधे से फीती खींची गई। बाद में टीआई का मेडिकल परीक्षण करवाया गया, लेकिन उसमें शराब की पुष्टि नहीं हुई। जानकारी के मुताबिक, टीआई की तबीयत खराब थी और वो अस्पताल में भर्ती थे। अस्पताल से लौटकर वो घटनास्थल पहुंचे थे, लेकिन धक्का-मुक्की होने की वजह से उनका शुगर लेवल कम हो गया था।
इस घटना के बाद टीआई ने एक अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ केस दर्ज कराया है। पुलिस ने दावा किया है कि वीडियो फुटेज से आरोपी की पहचान की जाएगी।