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नई दिल्ली
होली के हुड़दंग ने सेहत पर भारी असर डाला। दिल्ली के विभिन्न अस्पतालों में झगड़े और सड़क हादसों में घायल 500 से अधिक मरीज पहुंचे। स्थिति यह रही कि पिछले साल की तुलना में इस बार होली के हुड़दंग में घायल हुए लोग अधिक संख्या में इलाज के लिए एम्स ट्रॉमा सेंटर पहुंचे।
नर्सिंग स्टाफ होली के दिन काफी व्यस्त
इस वजह से ट्रॉमा सेंटर में डॉक्टर और नर्सिंग स्टाफ होली के दिन काफी व्यस्त रहे। डॉक्टरों का कहना है कि मारपीट और शराब व भांग के नशे में वाहन चलाने के कारण कई मरीज सड़क हादसों का शिकार हुए।
ट्रॉमा सेंटर में हर दिन विभिन्न हादसों में घायल 150 से 175 मरीज इलाज के लिए पहुंचते हैं। जबकि होली के दिन 306 लोग घायल होकर पहुंचे, जो सामान्य दिनों की तुलना में लगभग दोगुना है। पिछले साल होली के दिन ट्रॉमा सेंटर में 294 दुर्घटना पीड़ित भर्ती हुए थे।
35-40 फीसदी लोग लड़ाई-झगड़े में घायल
इसकी तुलना में इस बार 12 अधिक दुर्घटना पीड़ित भर्ती हुए। ट्रॉमा सेंटर के एक वरिष्ठ डॉक्टर ने बताया कि करीब 35-40 फीसदी लोग लड़ाई-झगड़े में घायल हुए हैं। सड़क हादसों में ज्यादा लोग घायल हुए हैं। इसके अलावा कुछ लोग रंग खेलते समय ऊंचाई से गिरकर घायल हुए हैं। एम्स प्रशासन के मुताबिक ज्यादातर लोगों को मामूली चोटें आई हैं।
इस कारण उन्हे उपचार के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। अस्पताल में 21 गंभीर रूप से घायल लोगों को भर्ती किया गया। जिसमें से सात मरीजों को ब्रेन इंजरी हुई है। इस कारण उन्हें न्यूरो सर्जरी विभाग में भर्ती किया गया
लोक नायक अस्पताल में 67 लोग घायल अवस्था में पहुंचे। इनमें से अधिकतर शराब के नशे में झगड़े और सड़क हादसों में घायल हुए। अस्पताल प्रशासन के मुताबिक, सामान्य दिनों में इस अस्पताल में 15 से 17 ऐसे दुर्घटना पीड़ित पहुंचते हैं।
एलबीएस (लाल बहादुर शास्त्री) अस्पताल में 50 लोग घायल अवस्था में पहुंचे। इनमें से छह सड़क हादसों और 44 झगड़े में घायल हुए। होली के दिन दोपहर तक आरएमएल अस्पताल में 42 लोग घायल अवस्था में पहुंचे। सफदरजंग अस्पताल में 45 से अधिक लोग पहुंचे। इसके अलावा जीटीबी, डीडीयू समेत कई अन्य अस्पतालों में भी घायल लोग पहुंचे।