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पद छोड़े मोहम्मद यूनुस
रब्बी आलम ने साफ शब्दों में बांग्लादेश के सलाहकार मोहम्मद यूनुस को चेतावनी दी है। आलम ने कहा कि हम बांग्लादेश के सलाहकार से कहना चाहते हैं कि वे पद छोड़ दें और वहीं लौट जाएं… जहां से वे आए थे। शेख हसीना प्रधानमंत्री के रूप में वापस आ रही हैं। युवाओं ने गलती की। मगर यह उनकी गलती नहीं है। बल्कि उनके साथ छल किया गया है।
हसीना और उनके परिवार की संपत्ति जब्त करने का आदेश
इस बीच ढाका की एक अदालत ने शेख हसीना के धानमंडी स्थित आवास ‘सुदासदन’ और उनके परिवार के सदस्यों की संपत्तियों को जब्त करने का आदेश दिया। अदालत ने अपने आदेश में 124 बैंक खातों को जब्त करने का भी आदेश दिया है।
ढाका मेट्रोपॉलिटन के वरिष्ठ विशेष न्यायाधीश जाकिर हुसैन गालिब ने भ्रष्टाचार निरोधक आयोग (एसीसी) के एक आवेदन के बाद मंगलवार को यह आदेश जारी किया। अदालत ने हसीना के अलावा उनके बेटे साजिब वाजेद जॉय, बेटी साइमा वाजेद पुतुल, बहन शेख रेहाना और उनकी बेटियों ट्यूलिप सिद्दीकी और रादवान मुजीब सिद्दीकी की कुछ संपत्तियां को भी जब्त करने का आदेश दिया है।
हसीना के पति का नाम था सुधा
शेख हसीना के पति परमाणु वैज्ञानिक थे। उनका नाम एमए वाजेद मिया था। मगर उन्हें उपनाम सुधा मिया के नाम से भी जाना जाता था। घर का नाम ‘सुदासदन’ उनके नाम पर ही रखा गया था।
हिंसा के बीच हसीना को छोड़ना पड़ा था बांग्लादेश
पिछले साल जुलाई महीने में बांग्लादेश में आरक्षण के खिलाफ छात्रों का आंदोलन भड़का था। इसके बाद आंदोलन ने शेख हसीना विरोधी रुख अपना लिया। अगस्त महीने में छात्रों ने शेख हसीना से पद छोड़ने की मांग की। देशभर में उग्र प्रदर्शनों का दौर चला। छात्रों की भीड़ राजधानी ढाका में घुसने के बाद हिंसक हो गई।
इसके बाद 5 अगस्त को शेख हसीना को आनन-फानन देश छोड़कर भारत में शरण लेनी पड़ी। इस दौरान हिंसा में 600 से अधिक लोगों की जान गई। हजारों लोग घायल हुए। 8 अगस्त को मोहम्मद यूनुस ने अंतरिम सरकार का गठन किया। इसके बाद से ही भारत और बांग्लादेश के रिश्ते ठीक नहीं है।