सब्जियों की कीमतें मासिक आधार पर नौ प्रतिशत घट सकती है, जो लगातार चौथे महीने कीमतों में गिरावट का संकेत है। फरवरी में टमाटर की औसत कीमत 23 रुपये प्रति किलोग्राम थी। इसके दाम में 30 प्रतिशत से अधिक की गिरावट आने की संभावना है।
लगातार आरबीआई के दायरे से ऊपर बनी रहने वाली खुदरा महंगाई दर पांच महीने में पहली बार चार फीसदी से नीचे आ सकती है। सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकनॉमी (सीएमआईई) के मुताबिक, फरवरी 2025 में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) गिरकर 3.81 प्रतिशत पर आने की संभावना है। जनवरी में यह 4.31 और पिछले साल अगस्त में 3.65 फीसदी पर रही थी।
मासिक आधार पर सब्जियां 9% सस्ती
आंकड़ों में कहा गया है कि सब्जियों की कीमतें मासिक आधार पर नौ प्रतिशत घट सकती है, जो लगातार चौथे महीने कीमतों में गिरावट का संकेत है। फरवरी में टमाटर की औसत कीमत 23 रुपये प्रति किलोग्राम थी। इसके दाम में 30 प्रतिशत से अधिक की गिरावट आने की संभावना है। फरवरी में प्याज और आलू की कीमतें क्रमश: 36 रुपये प्रति किलोग्राम और 26 रुपये प्रति किलोग्राम थीं। हालांकि ये कीमतें अभी भी एक साल पहले के स्तर से ऊपर हैं।
लहसुन, अदरक की कीमतें भी गिरीं
लहसुन, अदरक, गोभी, फूलगोभी, बैंगन और भिंडी जैसी अन्य सब्जियों की कीमतों में भी कमी आई है। दालों ने भी खाद्य मुद्रास्फीति को कम करने में मदद की। फरवरी में अरहर में 7.2% की मासिक गिरावट देखी गई। अनाज और उत्पादों में मुद्रास्फीति फरवरी में घटकर 5.9% रही। जनवरी में 6.2% थी। गेहूं की कीमतों में वृद्धि जारी रही, हालांकि यह कमजोर रही।
मसाले, चीनी और तेल अभी भी ऊंचे दाम पर
फल, मसाले, चीनी, तेल और वसा एवं दूध और अन्य उत्पादों के दाम बढ़ने की संभावना है। फल, तेल और वसा दो अंकों में महंगे हो सकते हैं। फलों में मुद्रास्फीति फरवरी में बढ़कर 14.5 प्रतिशत होने का अनुमान है।
बैंक ऑफ बड़ौदा का अनुमान 4.1 फीसदी
बैंक ऑफ बड़ौदा का अनुमान है कि फरवरी में खुदरा महंगाई 4.1 फीसदी रह सकती है। हालांकि, इसने कहा है कि वैश्विक स्तर पर खाद्य तेलों की बढ़ती कीमतें, टैरिफ की नीतियां और असामान्य गर्मी से महंगाई को कम करने में चुनौती का सामना करना पड़ सकता है।