हिज्ब उत-तहरीर एक वैश्विक इस्लामी खिलाफत संगठन है, जो खिलाफत की स्थापना की पैरवी करता है। उसका दावा है कि वह सभी मुस्लिम बहुल देशों को एक इस्लामी सरकार के तहत एकजुट करेगा।
बांग्लादेश में प्रतिबंधित कट्टरपंथी इस्लामी संगठन हिज्ब उत-तहरीर ने शुक्रवार को देश के मौजूदा प्रशासन के आदेशों के खिलाफ ढाका में अक्तूबर 2009 के बाद अपनी पहली खुली रैली की। हजारों सदस्यों के साथ समूह ने जुमे की नमाज के बाद बैतुल मुकर्रम राष्ट्रीय मस्जिद के उत्तरी द्वार से ‘खिलाफत के लिए मार्च’ किया। इस दौरान मस्जिद के पास पुलिस और प्रतिबंधित संगठन के के बीच हिंसक झड़पें हुईं। जुलूस को रोकने के लिए कानून प्रवर्तन को भी दखल देना पड़ा।
इस्लामी खिलाफत की पैरवी करता रहा हिज्ब
हिज्ब उत-तहरीर एक वैश्विक इस्लामी खिलाफत संगठन है, जो खिलाफत की स्थापना की पैरवी करता है। उसका दावा है कि वह सभी मुस्लिम बहुल देशों को एक इस्लामी सरकार के तहत एकजुट करेगा। ढाका ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, यह समूह बांग्लादेश में एक प्रतिबंधित संगठन बना हुआ है, इसकी सभी गतिविधियां और प्रदर्शन अवैध घोषित किए गए हैं। बांग्लादेश में बढ़ती हिंसा, सांस्कृतिक, धार्मिक और राजनयिक संपत्तियों पर हाल के दिनों में हुए हमलों के विरोध में हिज्ब ने यह मार्च निकाला था।
भारत ने घोषित किया हुआ है आतंकी संगठन
भारत ने गत वर्ष हिज्ब-उत-तहरीर को आतंकी संगठन घोषित किया है। भारत ने कहा, यह गुट आतंकी संगठनों में शामिल होने और आतंकी गतिविधियों के लिए धन जुटाकर भोले-भाले युवाओं को कट्टरपंथी बनाने सहित विभिन्न खतरनाक कृत्यों में शामिल है।
हमें उम्मीद बांग्लादेश सरकार हिंसा की उचित जांच करेगी ः भारत
वहीं, भारत ने हालिया बांग्लादेश हिंसा की जांच को लेकर प्रतिक्रिया दी है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, बांग्लादेश में 5 अगस्त, 2024 से 16 फरवरी तक हिंसा की 2,374 घटनाओं में से सिर्फ 1254 की ही पुलिस ने पुष्टि की। इनमें भी 98 फीसदी घटनाएं राजनीतिक प्रकृति की हैं। हमें उम्मीद है कि बांग्लादेश सरकार से उम्मीद करते हैं कि सभी घटनाओं की सही जांच कर हिंसा, मौतों के जिम्मेदार लोगों को न्याय के कठघरे में लाएगी।