प्रयागराज नाविक संघ के अध्यक्ष पप्पू लाल निषाद ने बताया कि महाकुंभ के दौरान चप्पू वाली 4500 से ज्यादा नाव 24 घंटे संचालित हुईं। एक नाव को लगातार नदी में उतारने के लिए कम से कम तीन नाविक लगते हैं।
यूपी के प्रयागराज में लगे महाकुंभ में आस्था के साथ आर्थिक उन्नति का संगम भी दिखाई दिया। समृद्धि के संगम में वंचित समाज ने पूंजी अर्जन की खूब डुबकी लगाई। इनमें नाविक समाज ने सबसे ज्यादा लाभ कमाया। संगम के तट पर 45 दिन चले महाकुंभ के दौरान डेढ़ करोड़ से ज्यादा श्रद्धालुओं ने नौकाविहार का आनंद लिया।
नाविक संघ के अध्यक्ष पप्पू लाल निषाद ने बताया कि 13,000 से ज्यादा नाविकों की झोली महाकुंभ ने भर दी। हर नाविक ने पूरे आयोजन के दौरान 8 से 9 लाख रुपये की कमाई की। अब इस आमदनी से कई नाविक नए व्यवसाय शुरू करने की योजना बना रहे हैं।
अब कर पाएंगे बेटी की शादी : नाविक संजीत
महाकुंभ के दौरान यमुना तट और त्रिवेणी की धारा नाविक समाज के लिए संजीवनी बन गई। किला घाट पर नाव चलाने वाले संजीत कुमार निषाद बताते हैं कि घर में दो बड़ी बेटियां हैं, जिनकी शादी के लिए लंबे समय से कोशिश कर रहे थे। लेकिन, आर्थिक हालात आड़े आ जा रहे थे। इस बार महाकुंभ में इतनी आमदनी हो गई है कि अब बिटिया के हाथ पीले हो जाएंगे।
बनाएंगे घर, खरीदेंगे नई नाव : नाविक बलवंत
तीन दशक से बलवंत निषाद की जिंदगी बलुआ घाट और किला घाट के बीच चप्पू चलाते निकल गई, लेकिन सिर पर पक्की छत नहीं बन सकी। इस बार महाकुंभ में त्रिवेणी का ऐसा आशीर्वाद मिला है कि अब पक्का घर बन जाएगा। यही नहीं वह नई नाव लेने की भी योजना बना रहे हैं। वहीं, कुछ नाविक नया काम शुरू करने की योजना भी बना रहे हैं।