राजद सांसद ने यह भी आरोप लगाया कि वरीय आईएएस अधिकारी की बेटी की कंपनी को सरकारी फंड और निजी क्षेत्र की कंपनियों से फंड दिलवाने की कोशिश की जा रही है। इस काम में कई वरीय आईएएस अधिकारी प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से शामिल हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव की पार्टी के सांसद सुधाकर सिंह ने नीतीश सरकार हमला बोला है। उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के प्रधान सचिव की बेटी को लेकर कई सवाल उठाए हैं। राष्ट्रीय जनता दल के सांसद ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2025-26 में पेश किए गए बजट में गड़बड़ी की गई है। बजट में 25 करोड़ रुपये पर्यावरण विभाग को दिया गया है। इसे बिहार ग्रीन डेवलमेंट कंपनी फंड नाम दिया गया है। लेकिन, यह राशि पर्यावरण विभाग को सीधे तौर पर न देकर सरकार बोधि सेंटर फॉर सस्टेनेबल ग्रोथ प्राइवेट लिमिटेड को दिया गया है। सुधाकर सिंह ने कहा कि इस कंपनी की मालिक ईशा वर्मा हैं। वह सीएम नीतीश कुमार की प्रधान सचिव दीपक कुमार की बेटी हैं।
सुधाकर सिंह ने आरोप लगाया कि सरकार ने बोधि सेंटर फॉर सस्टेनेबल ग्रोथ प्राइवेट लिमिटेड को लाभ पहुंचाने नीयत से बिहार ग्रीन डेवलपमेंट फंड की जिम्मेदारी इस कंपनी को सौंप दी है। सुधाकर सिंह ने आरोप लगाया कि बिहार सरकार के इस बार के बजट की जानकारी उक्त कंपनी को मुहैया कराई गई है। इतना ही नहीं बजट से पहले कई मीटिंग में कंपनी की मालिक ईशा वर्मा को बिना किसी अधिकार शामिल किया गया है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि वित्त विभाग ने कई गोपनीय सूचना भी उक्त कंपनी को साझा की।
राजद सांसद ने यह भी आरोप लगाया कि उक्त कंपनी को सरकारी फंड और निजी क्षेत्र की कंपनियों से फंड दिलवाने की कोशिश की जा रही है। इस काम में कई वरीय आईएएस अधिकारी प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से शामिल हैं। इसलिए हमारी मांग हैं कि बिहार सरकार तत्काल प्रभाव से ईशा वर्मा और उनकी कंपनी से जुड़े सभी लोगों को बिहार सरकार के किसी विभाग के किसी भी बैठक में शामिल होने से रोके। साथ ही इस पूरे प्रकरण की जांच आर्थिक अपराध इकाई से करवाए।