इससे पहले 9 मई 2024 को विदेश मंत्री जयशंकर ने जोर देकर कहा था कि पाकिस्तान के कब्जे वाला कश्मीर भारत का हिस्सा है। उन्होंने कहा था कि हर भारतीय राजनीतिक दल यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है कि पीओके भारत को वापस मिले।
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कश्मीर की स्थिति और भारत सरकार की ओ से उठाए गए कदमों के बारे में खुलकर बात की। उन्होंने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाना, कश्मीर में विकास व आर्थिक गतिविधि, सामाजिक न्याय की बहाली और साथ ही केंद्र शासित प्रदेश में चुनाव कराने जैसे मुद्दों पर बात की। उन्होंने यह भी कहा कि जम्मू-कश्मीर का केवल वह हिस्सा समस्याओं के पूर्ण समाधान से बचा हुआ है, जो भारत के पड़ोसी पाकिस्तान के कब्जे में है, जिस पर पड़ोसी मुल्क ने अवैध रूप से कब्जा कर रखा है। उसकी वापसी से हर चीज का समाधान हो जाएगा। उन्होंने लंदन के चैथम हाउस में बोलते हुए यह टिप्पणी की।
पहले भी पीओके पर दिए बेबाक बयान
इससे पहले 9 मई 2024 को विदेश मंत्री जयशंकर ने जोर देकर कहा था कि पाकिस्तान के कब्जे वाला कश्मीर भारत का हिस्सा है। उन्होंने कहा था कि हर भारतीय राजनीतिक दल यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है कि पीओके भारत को वापस मिले। दिल्ली विश्वविद्यालय के गार्गी कॉलेज, नई दिल्ली के छात्रों के साथ बातचीत के दौरान विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा था, ‘मैं पीओके के बारे में बस इतना ही कह सकता हूं कि इस देश का हर राजनीतिक दल यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है कि पीओके, जो भारत का हिस्सा है, भारत को वापस मिले। यह हमारी राष्ट्रीय प्रतिबद्धता है।’
‘किसी भी चीज के होने के लिए पहली शर्त यह है कि वह आपके विचारों में हो’
उन्होंने यह भी कहा था कि अगस्त 2019 में अनुच्छेद 370 को खत्म करने से लोगों के लिए पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के मुद्दे पर भी सोचने का रास्ता साफ हो गया है। उन्होंने कहा, ‘चूंकि हमने आखिरकार अनुच्छेद 370 का सही फैसला लिया है, इसलिए पीओके का मुद्दा लोगों की सोच में आ गया है। किसी भी चीज के होने के लिए पहली शर्त यह है कि वह आपके विचारों में हो।’
‘पीओके भारत का हिस्सा, लोगों को इसे भूलने के लिए मजबूर किया गया’
इससे पहले 5 मई 2024 को विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा था कि पीओके भारत का हिस्सा है और लोगों को इसे भूलने के लिए मजबूर किया गया। ओडिशा के कटक में एक कार्यक्रम के दौरान पीओके के लिए भारत की योजनाओं पर एक सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा, ‘पीओके कभी भी इस देश से अलग नहीं हो सकता। यह इस देश का हिस्सा है। भारतीय संसद का एक संकल्प है कि पीओके भारत का अभिन्न अंग है।’
‘सदन का जिम्मेदार संरक्षक नहीं होता है, तो बाहर से कोई चोरी कर लेता है’
उन्होंने कहा था कि भारत ने आजादी के शुरुआती वर्षों के दौरान पाकिस्तान को इस क्षेत्र को खाली करने के लिए नहीं कहा, जिसके कारण यह दुखद स्थिति बनी रही। विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा था, ‘जब आपके पास कोई ऐसा व्यक्ति होता है जो सदन का जिम्मेदार संरक्षक नहीं होता है, तो बाहर से कोई चोरी कर लेता है।’ विदेश मंत्री ने कहा था कि लोगों को पीओके के मुद्दे को भूलने के लिए मजबूर किया गया और इसे फिर से लोगों की चेतना में लाया गया।