भारतीय टीम ने इस सभी की उम्मीदों पर पानी फेर दिया और पांचवीं बार चैंपियंस ट्रॉफी का सेमीफाइनल जीत लिया। इससे पहले भी चैंपियंस ट्रॉफी 2025 में कई बार पाकिस्तान की किरकिरी हो चुकी है।
भारतीय टीम ने ऑस्ट्रेलिया को हराकर चैंपियंस ट्रॉफी 2025 के फाइनल में जगह बना ली है। इस जीत से जहां भारत में जश्न का माहौल है, वहीं पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में सबकुछ ठीक नहीं नजर आ रहा है। दरअसल, ग्रुप स्टेज से बाहर होने वाले मेजबान पाकिस्तान को भारत के फाइनल में पहुंचने पर एक और झटका लगा है। भारत ने अपने मैच, सेमीफाइनल को छीनने के बाद अब चैंपिंयस ट्रॉफी के फाइनल की मेजबानी भी छीन ली है। टूर्नामेंट को हाइब्रिड मॉडल में कराने का फैसला किया गया था, जिसके तहत अगर भारतीय टीम फाइनल में पहुंचती है तो फाइनल भी दुबई में ही खेला जाएगा। अगर टीम इंडिया नहीं पहुंचती तो फाइनल लाहौर में खेला जाता। इतना ही नहीं पाकिस्तान में फाइनल और ऑस्ट्रेलिया की जीत की दुआ मांग रहे मोहम्मद हफीज, शोएब मलिक और सना मीर का अब सोशल मीडिया पर खूब मजाक बन रहा है। शोएब अख्तर ने एक वीडियो अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर शेयर किया था, जिसमें ये क्रिकेटर्स ऑस्ट्रेलिया को पसंदीदा बता रहे थे।
वीडियो में अख्तर के बगल में खड़े पुरुष एंकर ने मौजूदा फॉर्म को देखते हुए भारत का नाम लिया। वहीं, महिला एंकर नॉकआउट्स में ऑस्ट्रेलिया के अच्छे प्रदर्शन को देखते हुए ऑस्ट्रेलियाई टीम को चुनती है। पाकिस्तान की पूर्व कप्तान सना मीर ऑस्ट्रेलिया को चुनती हैं और कहती हैं कि फाइनल पाकिस्तान में ही खेला जाएगा। हफीज भी पाकिस्तान में फाइनल कहते हैं। वहीं, मलिक एक गाना- ओजी-ओजी-ओजी….ओए, ओए, ओए गाते हैं। इस पर सभी हंसने लगते हैं। इस पर अख्तर कहते हैं- सभी पाकिस्तान में फाइनल चाहते हैं, देखते हैं क्या होता है!
हालांकि, भारतीय टीम ने इस सभी की उम्मीदों पर पानी फेर दिया और पांचवीं बार चैंपियंस ट्रॉफी का सेमीफाइनल जीत लिया। इससे पहले भी चैंपियंस ट्रॉफी 2025 में कई बार पाकिस्तान की किरकिरी हो चुकी है। 29 साल बाद पाकिस्तान को किसी तरह रो-धोकर आईसीसी टूर्नामेंट की मेजबानी मिली थी और मेजबान टीम का ही सफर नौ दिन में खत्म हो गया। चैंपियंस ट्रॉफी साल 1998 से खेला जा रहा है और टूर्नामेंट के 27 साल के इतिहास में चौथी बार पाकिस्तान की टीम ग्रुप स्टेज से बाहर हुई। पाकिस्तान के लिए सबसे खराब बात यह रही कि साल 2009 में श्रीलंकाई टीम पर आतंकी हमले के बाद वहां कई वर्षों तक कोई भी मैच तक नहीं खेला गया था। उन्हें दशकों में जैसे तैसे अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट का मेजबान बनने का मौका मिला।
इसके बाद देश को कर्जे में मैदान बनाने पड़े। फिर खुद मेजबान होने के बावजूद भारत से मुकाबले खेलने के लिए तीसरे देश आना पड़ा। फिर टीम का आधिकारिक तौर पर टिकट तो 24 फरवरी यानी छह दिन में ही कट गया था, लेकिन बांग्लादेश के खिलाफ मैच तक औपचारिकता के लिए इंतजार करना पड़ा। टीम अगर बांग्लादेश को हराकर जीतती तो हो सकता है कि जख्मों पर थोड़ा मरहम लग जाता, लेकिन कुदरत के निजाम ने उनसे यह हक भी छीन लिया। टीम लगातार तीसरे आईसीसी टूर्नामेंट के दूसरे राउंड में जाने में विफल रही।