सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को पॉडकास्टर रणवीर अल्लाहबादिया को उनके ‘द रणवीर शो’ को प्रसारित करने की अनुमति दे दी। हालांकि, सुनवाई के दौरान कोर्ट ने समय रैना पर तल्ख टिप्पणी की। कोर्ट ने उम्मीद जताई कि रणवीर अपनी हरकत को लेकर पश्चाताप दिखाएंगे। सुनवाई के दौरान कोर्ट आशीष चंचलानी की अर्जी को भी सूचीबद्ध किया। आइए विस्तार से जानते हैं बीते दिन हुई सुनवाई में क्या-क्या हुआ? कोर्ट ने क्या-क्या कहा? मामले में पक्ष-विपक्ष में क्या-क्या दलीलें दी गईं
केंद्र को मसौदा नियामक तंत्र के साथ आने का निर्देश
शीर्ष अदालत ने कार्यवाही के दायरे का भी विस्तार किया और केंद्र को सोशल मीडिया सामग्री पर एक मसौदा नियामक तंत्र के साथ आने का निर्देश दिया। पीठ ने कहा, ‘हमने सॉलिसिटर जनरल को इस तरह के नियामक तंत्र पर विचार-विमर्श करने और सुझाव देने का सुझाव दिया है, जो स्वतंत्र भाषण और अभिव्यक्ति के अधिकार पर अतिक्रमण न करे, लेकिन साथ ही संविधान के अनुच्छेद 19 (4) में वर्णित ऐसे मौलिक अधिकार के मापदंडों को सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त प्रभावी भी हो।’ अदालत ने कहा कि किसी भी मसौदा नियामक तंत्र को विषय पर विधायी या न्यायिक उपाय करने से पहले सभी हितधारकों से सुझाव आमंत्रित करने के लिए सार्वजनिक किया जा सकता है।
पीठ ने मेहता से कहा, ‘समाज दर समाज नैतिक मानदंड अलग-अलग होते हैं.. .हमने खुद को बोलने और अभिव्यक्ति के अधिकार की गारंटी दी है, लेकिन ये गारंटी कुछ शर्तों के अधीन हैं। हम ऐसी कोई नियामक व्यवस्था नहीं चाहते हैं जो अंततः सेंसरशिप की ओर ले जाए।’
यूट्यूबर आशीष चंचलानी की अर्जी को भी सूचीबद्ध किया
इसके बाद शीर्ष कोर्ट ने यूट्यूबर आशीष चंचलानी की प्राथमिकियों को एक साथ जोड़ने की अर्जी को अल्लाहबादिया की इसी तरह की याचिका के साथ सूचीबद्ध किया। सुप्रीम कोर्ट ने 18 फरवरी को रणवीर को गिरफ्तारी से अंतरिम संरक्षण प्रदान किया था और उनकी टिप्पणी को अश्लील करार देते हुए कहा था कि उनकी विकृत मानसिकता से समाज को शर्मिंदा होना पड़ा। अल्लाहबादिया और रैना के अलावा असम मामले में नामजद अन्य लोगों में कॉमेडियन चंचलानी, जसप्रीत सिंह और अपूर्वा मखीजा शामिल हैं।