लर्निंग पिरामिड विधि से आप अपनी पढ़ाई को और भी प्रभावी बना सकते हैं। जानिए कैसे यह विधि 90% तक याद रखने में मदद करती है और पढ़ाई को मजेदार बनाती है।
क्यों हैं जरूरी
समय के साथ साथ पढ़ाई का तरीका भी बदलते रहना चाहिए। यदि आप अभी भी पारंपरिक ढरें से पढ़ाई कर रहे हैं, तो अब जरूरत है पढ़ने के लिए नए तरीके आजमाने की। पढ़ाई करने और याद रखने की क्षमता को मजबूत बनाने के लिए लर्निंग पिरामिड मेथड बेहतरीन तरीका है। इसके सात चरण न सिर्फ पढ़ाई में रुचि बढ़ाते हैं, बल्कि विषयों को गहराई से समझने में भी मदद करते हैं।
प्रचलित तरीके
इस विधि का पहला चरण लेक्चर है, जिसमें आप केवल कुछ ही चीजों को याद रख पाते हैं, क्योंकि आप केवल सुनते भर हैं। यह तरीका सबसे कम प्रभावी होता है। दूसरा चरण पढ़ाई का है, जिसमें आप स्वयं किताबों से पढ़कर सीखते हैं, लेकिन इसमें भी सक्रिय भागीदारी की कमी होती है। तीसरा चरण ऑडियो और वीडियो का होता है, जिसमें आप ऑडियो को सुनकर और वीडियो को देखकर बाकी दो चरणों की तुलना में जल्दी सीखते हैं।
कारगर नुस्खे
चौथा चरण डिमॉन्स्ट्रेशन काफी प्रभावी होता है, क्योंकि इसमें आपको प्रैक्टिकल या व्यावहारिक अनुभव की मदद से चीजों को लंबे समय तक याद रखने में मदद मिलती है। समूह चर्चा इस पिरामिड का पांचवां चरण है। इसमें आपको अपने विचारों को दूसरे लोगों के साथ साझा करने और सुनने का मौका मिलता है। छठा चरण करके सीखने से संबंधित है, जिसमें आप पहले खुद प्रयास करते हैं और फिर उसके बाद सीखते हैं। इसका अंतिम और सातवां चरण पहले दूसरों को सिखाना और फिर खुद सीखने पर जोर देता है। यह खुद की समझ विकसित करने का अब तक का सबसे प्रभावी तरीका है।
सीखने की प्रक्रिया
लर्निंग पिरामिड यह सिखाता है कि आपको सीखने की प्रक्रिया में सक्रिय रूप से भाग लेना होगा। यदि आप इसे अपनी पढ़ाई में शामिल करना चाहते हैं, तो आपको किताबों से पढ़ने के अलावा खुद के नोट्स बनाने, जो भी आप पढ़ रहे है उससे संबंधित प्रैक्टिकल में खुद को शामिल करने जैसे काम भी करने होंगे। आप ऑडियो और वीडियो जैसे तरीकों की मदद भी ले सकते हैं।