Friday, June 20, 2025
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ब्लड कैंसर की आसान होगी पहचान, जल्द शुरू हो सकेगा इलाज; भारत में पहली बार आने वाली है यह तकनीकी

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राजकीय आयुर्विज्ञान संस्थान (जिम्स) के अनुसंधान और विकास केंद्र के विभागाध्यक्ष डॉ. विवेक गुप्ता ने ब्लड कैंसर के अदृश्य जीन की खोज करने की तकनीक को ढूंढ निकाला है। अब ब्लड कैंसर के जीन को ऑप्टिकल जीनोम मैपिंग की मदद से पकड़ा जाएगा। भारत में पहली बार यह तकनीकी आने वाली है।

ब्लड कैंसर की पहचाना अब आसानी से की जा सकेगी। राजकीय आयुर्विज्ञान संस्थान (जिम्स) के अनुसंधान और विकास केंद्र के विभागाध्यक्ष डॉ. विवेक गुप्ता ने ब्लड कैंसर के अदृश्य जीन की खोज करने की तकनीक को ढूंढ निकाला है।

यूएस के मरीजों पर एक साल तक की गई रिसर्च के बाद उन्हें यह सफलता मिली है। अब रक्त कैंसर के जीन को ऑप्टिकल जीनोम मैपिंग की मदद से पकड़ा जाएगा। भारत में पहली बार यह तकनीकी आने वाली है। ऑप्टिकल जीनोम मैपिंग से तीव्र मायलॉयड ल्यूकेमिया (एएलएम) के जीन परिवर्तनों को पहचाने में सफलता मिली है।

डॉ. विवेक गुप्ता ने बताया कि ब्लड कैंसर की पहचान अब तक खून के माध्यम से की जाती है, लेकिन इस तरीके से कई बार बीमारी पकड़ में नहीं आती है। इस कारण इलाज शुरू नहीं हो पाता है। अब ऑप्टिकल जीनोम मैपिंग से हर प्रकार के रक्त कैंसर की पहचान हो पाएगी। उन्होंने बताया कि ऑप्टिकल जीनोम मैपिंग की मशीन आती है। इसकी मदद से जीन की मैपिंग की जाती है। शरीर में कौन-कौन से हिस्से में रक्त कैंसर फैल चुका है, इसकी जानकारी मिल जाती है। बाकी मशीनों से रक्त कैंसर पूरी तरह से पकड़ में नहीं आता है।

क्या होता है एएलएम
एएलएम एक प्रकार का रक्त कैंसर होता है, जो बोन मैरो (अस्थि मज्जा) में असामान्य मायलॉयड कोशिकाओं के बढ़ने के कारण होता है। अध्ययन दर्शाता है कि ऑप्टिकल जीनोम मैपिंग (ओएमजी) तकनीक एएलएम रक्त कैंसर के अज्ञात व छुपे आनुवांशिक परिवर्तनों की पहचान करने में उपयोगी है। यह एक उन्नत तकनीक है। उनका शोध ब्राजील के हेमोटोलॉजी ट्रांसफ्यूजन एंड सेल थेरेपी जर्नल में प्रकाशित हुआ है। इस तकनीक का भारत के मरीजों जल्द लाभ मिलने वाला है। उन्होंने बताया कि दिल्ली के गंगाराम अस्पताल में इस तकनीकी से जल्द रक्त कैंसर के मरीजों की पहचान की जा सकेगी। देश में अभी इस तकनीकी का उपयोग नहीं होता है।

हर 10 कैंसर मरीजों में से 7 की मौत
ग्लोबोकैन 2022 रिपोर्ट के अनुसार, भारत में ब्लड कैंसर के कारण 70,000 से अधिक लोगों की जान चली गई है। जर्नल ऑफ ग्लोबल ऑन्कोलॉजी में 2017 पब्लिश हुई एक स्टडी के मुताबिक, भारत में कैंसर से मरने वालों की दर विकसित देशों से लगभग दोगुनी है। भारत में हर 10 कैंसर मरीजों में से 7 की मौत हो जाती है।
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