देश के कुछ हिस्सों में एचआईवी संक्रमण के बढ़ते मामलों को लेकर सामने आ रही जानकारियां काफी डराने वाली हैं। मिजोरम में एचआईवी प्रसार की दर सबसे अधिक है, पंजाब के लुधियाना में भी एचआईवी के बढ़ते मामले और इसके कारण गंभीर चिंता का विषय बने हुए हैं।
ह्यूमन इम्यूनोडेफिशियेंसी वायरस (एचआईवी) एक गंभीर संक्रमण है जो एक्वायर्ड इम्यूनोडेफिशियेंसी सिंड्रोम (एड्स) रोग का कारण बनता है। वैश्विक स्वास्थ्य के लिए ये गंभीर चिंता का कारण बना हुआ है। भारत में भी इसके मामलों को लेकर स्वास्थ्य विशेषज्ञ चिंता जताते रहे हैं। कुछ दशकों पहले तक एड्स को लाइलाज रोग माना जाता था, हालांकि मेडिकल क्षेत्र में नवाचार और तकनीकी विकास के चलते अब समय पर लोगों में इस संक्रमण का निदान और रोग को फैलने से रोकने के लिए उपचार उपलब्ध हैं। इस दिशा में निरंतर प्रयास भी किए जा रहे हैं।
मिजोरम के साथ-साथ पंजाब के लुधियाना से एचआईवी को लेकर सामने आ रही जानकारियां भी डराती हैं। खबरों के मुताबिक यहां साल 2024 में 1,658 मामले रिपोर्ट किए गए हैं।
लुधियाना में एचआईवी के अधिकांश मरीज इंट्रावेनस ड्रग यूजर्स (आईडीयू) हैं, यानी ये लोग ड्रग्स के इंजेक्शन लेते थे, जिसमें संक्रमित सिरिंज के कारण ये रोग हो गया। एचआईवी के मरीजों में आईडीयू का प्रतिशत 2010 में 12.8% था जो 2024 में बढ़कर 59.16% हो गया है।
सिविल अस्पताल के एंटी-रेट्रोवायरल थेरेपी (एआरटी) सेंटर के वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी डॉ. हरिंदर सूद ने मीडिया को बताया कि असंक्रमित सुइयों को साझा करने के कारण एचआईवी का शिकार पाए जाने वाले लोगों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। पहले लोगों में वायरस फैलने का सबसे बड़ा कारण असुरक्षित यौन संबंध था लेकिन अब सिरिंज साझा करने के कारण इसके मामले बढ़ते जा रहे हैं।
इन सबके बीच एचआईवी संक्रमण को लेकर संयुक्त राष्ट्र ने पिछले साल के आखिर के महीनों में राहत भरी जानकारी साझा की। रिपोर्ट के मुताबिक साल 1980 के दशक के अंत में इस रोग के बढ़ने के बाद से पहली बार ऐसा हुआ है जब इसके सबसे कम मरीज रिपोर्ट किए गए हैं। वर्ष 2023 में एचआईवी से संक्रमित लोगों की संख्या किसी भी समय की तुलना में सबसे कम रही, हालांकि ये संयुक्त राष्ट्र द्वारा निर्धारित लक्ष्यों से अब भी बहुत ज्यादा है।
यूएनएड्स एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, साल 2023 में लगभग 1.3 मिलियन (13 लाख) लोग इस बीमारी से संक्रमित हुए। यह अभी भी एड्स को सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए खतरे के रूप में समाप्त करने के लक्ष्य तक पहुंचने के लिए आवश्यक संख्या से तीन गुना अधिक है।