क्या आप भी टॉयलेट में अपना फोन लेकर जाते हैं? ये आदत संक्रामक बीमारियों के जोखिमों के अलावा पाइल्स और एनल फिस्टुला जैसी बीमारियों का भी कारण बन सकती है। डॉक्टर्स ने सभी लोगों को सावधान किया है।
मोबाइल फोन्स हमारे दिनचर्या का एक अहम हिस्सा बन गए हैं। सुबह से लेकर शाम तक हम सभी किसी न किसी काम से मोबाइल से चिपके रहते हैं। कई अध्ययन चिंता जताते रहे हैं कि मोबाइल फोन्स से लगे रहने की आदत स्क्रीन टाइम को बढ़ा रहे हैं, जिसके कारण शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य दोनों पर गंभीर असर हो रहा है। इसके अलावा मोबाइल फोन्स की बढ़ती लत से संबंधित एक दुष्प्रभाव को लेकर स्वास्थ्य विशेषज्ञों सभी लोगों को अलर्ट किया है।
नई दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में डॉक्टर्स ने बताया कि पिछले कुछ वर्षों में पाइल्स और फिस्टुला के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ी है। निष्क्रिय जीवनशैली और खराब आहार तो इसका कारण है ही साथ ही टॉयलेट में लंबे समय तक मोबाइल के इस्तेमाल को भी इसके लिए जिम्मेदार माना जा रहा है।
लाइफस्टाइल-आहार में गड़बड़ी के अलावा लंबे समय तक टॉयलेट में बैठने की आदत मलाशय क्षेत्र पर अधिक दबाव बढ़ा रही है जिसकी वजह से सभी उम्र के लोगों में पाइल्स और फिस्टुला की दिक्कत भी बढ़ रही है। पाइल्स और फिस्टुला की समस्या
पाइल्स और फिस्टुला दोनों ही मलाशय क्षेत्र में होने वाली समस्या मानी जाती है। पाइल्स जिसे बवासीर भी कहा जाता है, ये गुदा नलिका (एनल कैनल) की रक्त वाहिकाओं में सूजन के कारण होता है। जबकि फिस्टुला एनल कैनल में संक्रमण के कारण होने वाली समस्या है। फिस्टुला मुख्यरूप से आंतरिक हिस्से में होता है जबकि पाइल्स बाहरी या आंतरिक दोनों में हो सकता है।
अमर उजाला से बातचीत में सर्जन डॉ रमेश धीर बताते हैं, शौचालय में बैठकर लंबे समय तक मोबाइल फोन का इस्तेमाल करने से बवासीर होने का खतरा बढ़ सकता है। कमोड सीट पर लंबे समय तक बैठना मलाशय क्षेत्र में नसों पर दबाव बढ़ता है, जिसके कारण इसमें समय के साथ सूजन की दिक्कत बढ़ जाती है जिसे पाइल्स का कारण माना जाता रहा है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, पाइल्स और फिस्टुला दोनों ही बीमारियां काफी आम हो गई हैं। इसलिए समय रहते इसके लक्षणों की पहचान और इसका इलाज प्राप्त करना बहुत जरूरी हो जाता है। पाइल्स के शुरुआती चरणों में कोई स्पष्ट लक्षण नजर नहीं आते हैं क्योंकि यह दर्द रहित होती है, हालांकि बीमारी बढ़ने के कारण मलाशय में सूजन, खून आने और दर्द की समस्या काफी बढ़ जाती है। वहीं फिस्टुला के कारण भी आपको इसी तरह की दिक्कतें होती हैं। पर चूंकि फिस्टुला एक संक्रामक स्थिति है इसलिए आपको गुदा क्षेत्र से मवाद आने की भी समस्या हो सकती है।
तरल पदार्थों और हाई फाइबर युक्त आहार के अधिक सेवन के साथ स्वच्छता की आदतों को बनाए रखने से इन समस्याओं से बचा जा सकता है। मल त्यागते समय बहुत अधिक दबाव न डालने की भी सलाह दी जाती है।