इस्राइली पीएम नेतन्याहू ने सीरिया को कड़ी चेतावनी दी है। इसके तहत सीरिया के दक्षिणी क्षेत्र में किसी भी नई सीरियाई सेना या विद्रोही समूहों को घुसने नहीं देगा, जो पूर्व राष्ट्रपति बशर असद को हटाने की कोशिश कर रहे हैं। नेतन्याहू के इस बयान से यह साफ हो गया कि इस्राइल दक्षिणी सीरिया में अपनी उपस्थिति बनाए रखेगा।
इस्राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने सीरिया के दक्षिणी क्षेत्र में सेना के प्रवेश के लिए चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि इस्राइल सीरिया के दक्षिणी क्षेत्र में किसी भी नई सीरियाई सेना या विद्रोही समूहों को घुसने नहीं देगा, जो पूर्व राष्ट्रपति बशर असद को हटाने की कोशिश कर रहे हैं। इसके साथ ही, इस्राइल की सरकार ने यह भी स्पष्ट किया कि इस्राइली सेना अनिश्चितकाल तक दक्षिणी सीरिया के कुछ हिस्सों में मौजूद रहेगी, ताकि अपनी सुरक्षा सुनिश्चित कर सके।
नेतन्याहू के इस बयान से यह साफ हो गया कि इस्राइल दक्षिणी सीरिया में अपनी उपस्थिति बनाए रखेगा। यह खासकर तब महत्वपूर्ण है जब सीरिया के नए नेता गृहयुद्ध के बाद अपने नियंत्रण को मजबूत करने की कोशिश कर रहे हैं। नेतन्याहू ने कहा कि इस्राइल हयात तहरीर अल-शाम (एचटीएस) जैसे विद्रोही समूहों या सीरिया की नई सेना को दक्षिणी सीरिया में घुसने नहीं देगा। इसका मतलब साफ है कि इस्राइल अपनी सुरक्षा के लिए उस क्षेत्र में अपनी ताकत बनाए रखेगा।
नए शासन की मांग और सीरिया का समीकरण
इस्राइल ने सीरिया के नए शासन से यह मांग की है कि दक्षिणी सीरिया के तीन प्रांत (कुनेत्रा, दारआ और सुवेदा) को “विसैन्यीकृत” किया जाए, यानी वहां से सैन्य गतिविधियां खत्म की जाएं। इसके अलावा, इस्राइल ने यह भी कहा कि वह दक्षिणी सीरिया में रहने वाले ड्रूज़ समुदाय को किसी भी खतरे से बचाने के लिए पूरी तरह से तैयार है।
इस्राइली रक्षामंत्री कैट्ज का बयान
साथ ही इस्राइल के रक्षा मंत्री इज़राइल कैट्ज़ ने कहा कि इस्राइली सेना माउंट हरमोन और बफर ज़ोन में अपनी चौकियां बनाए रखेगी, ताकि हमारे समुदायों की रक्षा की जा सके और किसी भी खतरे को विफल किया जा सके।यह बफर ज़ोन 1974 के युद्धविराम समझौते के तहत स्थापित किया गया था और संयुक्त राष्ट्र द्वारा इसकी गश्त की जाती है।
इस्राइल का सीरियाई क्षेत्र पर कब्जा
इस्राइल ने सीरिया के एक हिस्से पर कब्जा कर लिया है, और सीरिया और संयुक्त राष्ट्र ने इस्राइल से इसे वापस करने का दबाव डाला है। इसी बीच, इस्राइल की सरकार अपने उत्तर सीमा वाले इलाकों में रहने वाले नागरिकों की सुरक्षा को लेकर दबाव में है। इस्राइल के रक्षा मंत्री कैट्ज़ ने कहा कि इस्राइल उन देशों के साथ अपने रिश्ते मजबूत करेगा, जो उसके दोस्त हैं, खासकर ड्रूज़ समुदाय से, जो सीरिया और इस्राइल के गोलान हाइट्स में रहते हैं। इसके साथ ही नेतन्याहू ने यह भी कहा कि इस्राइल दक्षिणी सीरिया में किसी भी दुश्मन ताकत को अपनी उपस्थिति स्थापित करने की अनुमति नहीं देगा और अगर कोई खतरा हुआ, तो इजरायली सेना उस पर कार्रवाई करेगी।