महाशिवरात्रि हिन्दू धर्म में एक अत्यंत पवित्र और शुभ पर्व है, जिसे भगवान शिव और माता पार्वती के विवाह के रूप में मनाया जाता है। इस दिन शिव भक्त विशेष रूप से रुद्राभिषेक करते हैं, जो भगवान शिव को प्रसन्न करने और अपनी इच्छाओं की पूर्ति के लिए अत्यंत फलदायी माना जाता है।
महाशिवरात्रि हिन्दू धर्म में एक अत्यंत पवित्र और शुभ पर्व है, जिसे भगवान शिव और माता पार्वती के विवाह के रूप में मनाया जाता है। इस दिन शिव भक्त विशेष रूप से रुद्राभिषेक करते हैं, जो भगवान शिव को प्रसन्न करने और अपनी इच्छाओं की पूर्ति के लिए अत्यंत फलदायी माना जाता है। इस वर्ष महाशिवरात्रि पर एक दुर्लभ संयोग बन रहा है।
महाशिवरात्रि पर धन और वैभव के दाता शुक्र अपनी उच्च राशि मीन में रहेंगे, जिसके कारण मालव्य राजयोग का शुभ संयोग बनेगा। इसके अलावा महाशिवरात्रि पर सूर्य और शनि की युति कुंभ राशि में होगी। कुंभ राशि के स्वामी शनिदेव होते हैं ऐसे में महाशिवरात्रि के दिन सूर्य देव अपने पुत्र शनि की राशि में विराजमान रहेंगे। शनि कुंभ राशि में रहते हुए शश नाम का राजयोग भी निर्माण करेंगे। वहीं बुधदेव भी कुंभ राशि में होंगे जिससे कुंभ राशि में त्रिग्रही योग का संयोग बनेगा और सूर्य-बुध की युति से बुधादित्य राजयोग भी बनेगा। ऐसे में रुद्राभिषेक का महत्व और बढ़ जाएगा। आइए जानते हैं रुद्राभिषेक की विधि और इसके विभिन्न प्रकारों के लाभ।
- सबसे पहले घर के पूजा स्थान में एक स्वच्छ थाली में शिवलिंग स्थापित करें।
- शिवलिंग के दाहिनी ओर घी का दीपक प्रज्वलित करें।
- पुष्प, अगरबत्ती, घी, दही, शहद, ताजा दूध, पंचामृत, गुलाब जल, मिठाई, गंगाजल, कपूर, सुपारी, बेल पत्र, लौंग, इलायची।
- इन सभी सामग्रियों को एक थाली में सजा लें।
- रुद्राभिषेक करने से पहले स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- पूर्व दिशा की ओर आसन लगाकर बैठें।
पूजा विधि:
- “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का जप करते हुए बेल पत्र चढ़ाएं।
- दीपक और पुष्प अर्पित करें।
रुद्राभिषेक आरंभ करें:- पहले शिवलिंग पर पंचामृत अर्पित करें।
- इसके बाद चंदन, ताजे जल, फूल और कच्चा दूध चढ़ाएं।
- अंत में गंगाजल या स्वच्छ जल से अभिषेक करें।
- शिवलिंग को हल्के हाथों से साफ करें।
- शिवलिंग पर वस्त्र और जनेऊ अर्पित करें।
- चंदन और भस्म का तिलक करें।
- बेल पत्र, दूर्वा और पुष्प अर्पित करें।
- “ॐ नमः शिवाय” के साथ-साथ महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें।
रुद्राभिषेक के प्रकार और उनके लाभदूध से अभिषेक:
भगवान शिव का अभिषेक कच्चे दूध से करने से दीर्घायु का आशीर्वाद प्राप्त होता है।शहद से अभिषेक:
शहद से रुद्राभिषेक करने से जीवन की सभी समस्याएं समाप्त होती हैं।
पंचामृत से अभिषेक:
पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद, और गंगाजल) से अभिषेक करने से धन, समृद्धि और सौभाग्य प्राप्त होता है।घी से अभिषेक:
घी से अभिषेक करने पर स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां समाप्त होती हैं और रोगों से मुक्ति मिलती है।दही से अभिषेक:
निसंतान दंपत्तियों के लिए दही से अभिषेक करना अत्यंत शुभ माना जाता है।